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बीवी को इंग्लिश सिखाने से लेकर प्लेन गिफ्ट करने तक, ऐसा था धीरूभाई अंबानी के प्यार करने का अंदाज
बिजनेस डेस्क : दुनिया की सबसे अमीर फैमिली में शुमार अंबानी खानदान (Ambani Family) के बारे में तो हर इंसान जानता है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के रूप में देश का सबसे बड़ा बिजनेस एम्पायर खड़ा करने वाले धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) को अबतक का सबसे जीनियस बिजनेसमैन माना जाता है। उनका जन्म 28 दिसंबर 1932 को गुजरात के जूनागढ़ जिले के एक छोटे से गांव चोरवाड़ में हुआ था। वहीं, 6 जुलाई, 2002 को दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई थी। धीरूभाई अंबानी अपनी पत्नी कोकिलाबेन (Kokilaben Ambani) से बहुत प्यार करते थे। कोकिलाबेन का कहना है कि वह कोई भी महत्वपूर्ण फैसला उनसे पूछे बिना नहीं लेते थे। धीरूभाई एक बड़े उद्योगपति होने के साथ ही बहुत केयरिंग हसबैंड भी थे। आइए आज आपको बताते हैं, उनका यही अंदाज...
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47 सालों का साथ
धीरजलाल हीराचंद अंबानी, जिन्हें धीरूभाई अंबानी के नाम से जाना जाता है, एक सफल भारतीय बिजनेसमैन होने के साथ ही एक केयरिंग हसबैंड और बेहतरीन पिता भी थे। उनकी शादी 1955 में जामनगर की रहने वाली कोकिलाबेन से हुई। शादी के 47 सालों तक कोकिलाबेन ने हर कदम पर धीरूभाई का साथ निभाया। उन्होंने भी हर मोड़ पर अपने पति होने का कर्तव्य निभाया।
हर काम से पहले लेते थे पत्नी की राय
धीरूभाई के स्ट्रगल को हम सब जानते हैं, कि उन्होंने किस तरह पकौड़े बेचने से लेकर पेट्रोल पंप पर नौकरी तक की है। लेकिन उनके हर फैसले में उनकी पत्नी ने उनका साथ बखूबी निभाया। सफल बिजनेसमैन बनने के बाद भी धीरूभाई हर नए काम की शुरुआत अपनी पत्नी के ही हाथों कराते थे। वे हर कार्यक्रम में उन्हें अपने साथ ले जाते थे। धीरूभाई अंबानी जो भी प्रोजेक्ट शुरू करते थे, पहले उसके बारे में कोकिलाबेन से जरूर चर्चा करते थे।
पत्नि को सीखाई इंग्लिश
कोकिलाबेन ने अपनी पढ़ाई एक गुजराती स्कूल में की थी। उन्हें अंग्रेजी नहीं आती थी। ऐसे में जब उनकी फैमिली मुंबई शिफ्ट हो गई तो वहां के माहैल में ढलने के लिए अंग्रेजी जानना जरूरी हो गया। धीरूभाई ने कोकिलाबेन को अंग्रेजी सीखने के लिए कहा। घर में बच्चों को पढ़ाने के लिए जो ट्यूटर आता था, उसी से कोकिलाबेन ने भी अंग्रेजी सीखी।
धीरूभाई के प्यार जताने का अनोखा अंदाज
एक इंटरव्यू के दौरान कोकिलाबेन ने बताया था कि एक बार मैं चोरवाड़ से अदेन शहर के लिए निकली, लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही धीरूभाई का फोन उनके पास आया। उन्होंने मुझसे कहा कि मैंने तुम्हारे लिए एक गाड़ी ली है और पूछा कि गाड़ी का रंग कैसा होगा। फिर कहा कि मैं बता दूं, ‘It is black, like me. कोकिलाबेन को उनका यही अंदाज बेहद पसंद था। बता दें कि कोकिलाबेन एक सामान्य परिवार से थी और उन्होंने जामनगर में कभी कोई गाड़ी या कार नहीं देखी थी।
हर जगह साथ जाते थे पति-पत्नी
धीरूभाई जब भी किसी काम से कहीं जाते थे, तो पत्नी कोकिलाबेन को साथ ले जाते थे। पहले वे अपने प्रोजेक्ट से जुड़े काम को पूरा करते। इधर, कोकिलाबेन शहर से जुड़ी जानकारी जुटाती थीं। फिर जब उन्हें काम से छुट्टी मिल जाती तो दोनों घूमने जाते।
Down to earth थे धीरूभाई
अपने पति के बारे में बात करते हुए कोकिलाबेन ने बताया था कि धीरूभाई ने बहुत ऊंचा मुकाम हासिल किया, लेकिन कभी घमंड मन में आने नहीं दिया। वे हमेशा ही Down to earth (जमीन से जुड़े) व्यक्ति रहे हैं।
हवाई जहाज किया गिफ्ट
जब धीरूभाई ने नया हवाई जहाज खरीदा तो उन्होंने इसे कोकिलाबेन को गिफ्ट किया था। उस मौके पर उनके काफी दोस्त आए थे। उस समय उन्होंने मेरे दोस्तों को बुलाने की भी काफी जिद की और सभी के सामने मुझे हवाई जहाज गिफ्ट किया।
पति और पिता का फर्ज निभाया
धीरूभाई एक बेहद अच्छे पति और पिता थे। उन्होंने बेटे-बहुओं, नाती-पोतों से भरे-पुरे परिवार में बेहद खुशहाल जीवन बिताया। बच्चों की शादी करवाने से लेकर पोते-पोतियों को खिलाने का सुख उन्होंने देखा, लेकिन 6 जुलाई 2002 को अचानक हार्ट अटैक आ जाने से उनका निधन हो गया।