- Home
- Entertainment
- Bollywood
- एक ही फिल्म ने दिला दी थी इस एक्टर को दौलत और शोहरत लेकिन बीमारी ने कर दिया सब कुछ खत्म
एक ही फिल्म ने दिला दी थी इस एक्टर को दौलत और शोहरत लेकिन बीमारी ने कर दिया सब कुछ खत्म
मुंबई. डायरेक्टर डैनी बॉयल की फिल्म 'स्लमडॉग मिलियनेयर' 2008 में आई थी। इसने सात कैटेगिरी में ऑस्कर अवॉर्ड जीता था। मुंबई की झुग्गियों के इर्द-गिर्द घूमती फिल्म की इस कहानी में झुग्गियों में रहने वाले कई बच्चों को मौका दिया गया था। इन्हीं में से एक था अजहरुद्दीन मोहम्मद इस्माइल। फिल्म में उसने सलीम मलिक का किरदार निभाया था। फिल्म को मिली सफलता के बाद अजहरुद्दीन की जिंदगी एकदम से बदल गई थी। झुग्गियों में रहने वाले अजहरुद्दीन को फ्लैट मुहैया कराया गया था। लेकिन यदि बात आज की करें तो अजहरुद्दीन की हालात बेहद खस्ता है।
| Updated : Jan 27 2020, 09:45 PM
2 Min read
Share this Photo Gallery
- FB
- TW
- Linkdin
17
)
अजहरुद्दीन की एक ही फिल्म से मिली दौलत और शोहरत सबकुछ खत्म हो गया है। वो आज एक-एक रुपए के लिए मोहताज है। उसकी मां लोगों से मदद की गुहार लगा रही है।
27
फिल्म को रिलीज हुए करीब 12 साल हो गए हैं। अब अजहरुद्दीन 21 साल का हो गया है। इतने सालों में अजहर को मिली शोहरत भी फीकी पड़ गई है। इसकी वजह से छह महीने पहले उसे अपना 250 स्क्वायर फीट का 49 लाख का फ्लैट बेचना पड़ा था, जो उसे सैंटाक्रूज वेस्ट में अनुराग प्लाजा में दिया गया था।
37
फ्लैट को बेचकर वो नौपाडा इलाके की एक झुग्गी में चला गया था। हालांकि यहां आते ही अजहर लगातार बीमार रहने लगा। बेटे को बीमार देखकर उसकी मां उसे अपने गांव जालना ले गईं, जहां वे पिछले कुछ महीनों से रह रहे हैं।
47
अपनी स्थिति के बारे में बात करते हुए अजहरुद्दीन ने बताया, 'शोहरत खत्म हो गई है। अब मुझे अपना परिवार चलाने के लिए कमाना पड़ेगा। मुंबई काफी भीड़-भाड़ वाली और दूषित जगह है। मैं झुग्गियों में पैदा हुआ था लेकिन वहां कभी वापस नहीं जाना चाहता था।'
57
अजहरुद्दीन का कहना है कि उनका परिवार लगातार आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहा था इस वजह से उसे फ्लैट बेचना पड़ा। बता दें कि अजहर ने फिल्म रिलीज होने के करीब एक साल बाद ही अपने पिता को खो दिया था।
67
अजहर की मां का कहना है, 'पिछले तीन सालों से वह लगातार संघर्ष कर रहा है। हमने इसकी बीमारी पर काफी पैसा खर्च कर दिया है। हमारे सामने फ्लैट बेचने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं था। मैं लोगों से अपने बच्चे की मदद करने की गुहार लगाती हूं।'
77
जय हो ट्रस्ट के एक ट्रस्टी नीर्जा मैटओ का कहना है कि अजहरुद्दीन 18 साल का हो गया था, जिसके बाद उन्हें वह घर उन्हें आधिकारिक तौर पर सौंप दिया गया था और ट्रस्ट को भी बंद कर दिया गया। उन्होंने कहा, 'अजहरुद्दीन अपना व्यापार शुरू करना चाहता था। जिसके लिए उसे आर्थिक मदद की जरूरत थी और उन्होंने घर बेच दिया।'