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गुलज़ार पर पति कमाल अमरोही से ज्यादा भरोसा करती थी मीना कुमारी, जीवनभर की कमाई दी थी सौंप
एंटरटेनमेंट डेस्क, Meena Kumari had handed over her lifetime earnings to Gulzar : आज यानि 18 अगस्त को हिंदी सिनेमा सशक्त हस्ताक्षर, बेहतरीन गीतकार, टीवी सीरियल लेखक और निर्देशक गुलज़ार का जन्मदिन है। संपूर्ण सिंह कालरा की पूरी जिंदगी एक किताब की मानिंद है, जिसका एक-एक पन्ना सैकड़ों रंगों की स्याही से गुलज़ार है, हालांकि इस खबर में हम आपको ट्रेजिडी क्वीन मीना कुमारी से उनके रिश्तों के बारे में बताएंगे। कैसे शादीशुदा होने के बावजूद दो कलमकार एक दूसरे के चेहरों को पढ़ते हुए नज़दीक आ गए। मीना कुमारी ने अपनी मौत के पहले अपनी सबसे कीमती चीज गुलज़ार को सौंप दी थी।
/ Updated: Aug 18 2022, 08:00 AM IST
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ट्रेजडी क्वीन मीना कुमारी ने अपने करियर में पाकीजा, बैजू बावरा, दिल अपना और प्रीत पराई जैसी कई बेहतरीन फिल्में कीं। उन्होंने हिंदी सिनेमा में एक से बढ़कर एक फिल्मों में काम किया। वे कमाल की शायरा भी थी, उनकी लिखी नज्में आज भी पसंद की जाती है। वहीं गुलज़ार उनके बड़े प्रशंसकों में से एक थे।
वहीं फिल्मों के अलावा मीना कुमारी अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर भी अक्सर सुर्खियों में रहती थीं। मीना कुमारी ने अपने जमाने के मशहूर डायरेक्टर कमाल अमरोही से शादी की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शादी के बाद ट्रेजेडी क्वीन का नाम धर्मेंद्र और मशहूर राइटर गुलजार से भी खूब चर्चा में रहा था।
आपको बता दें कि मीना कुमारी को कविता ( गज़लें, नज्म) लिखने का बहुत शौक था। इतना ही नहीं उन्होंने कैफ़ी आजमी से कविता के गुण भी सीखे, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मीना कुमारी अपने शौक की वजह से गुलजार के करीब आ गईं थी।
गुलज़ार और मीना कुमारी की मुलाक़ात 'बेनजीर' की शूटिंग के दौरान हुई थी। दोनों एक दूसरे को अपनी शेरो- शायरी सुनाते हुए नज़दीक आ गए।
गुलज़ार को मीना कुमारी की शायरी बेहद पसंद थी, वहीं उनके पति कमाल अमरोही ने कभी भी उनकी शायरी की तारीफ नहीं की, यही वजह है कि दोनों के बीच कड़वाहट थी, वहीं जिस अंदाज़ में गुलज़ार उनकी तारीफ करते थे, दोनों करीब आ गए थे।
वहीं मीना कुमारी लीवर सोरायसिस नाम की बीमारी से जूझ रही थीं। हालांकि, अपने जीवन के आखिरी दिनों में एक्ट्रेस ने गुलजार की वजह से फिल्म 'मेरे अपने' साइन की थी। गुलज़ार ने मीना कुमारी की तबियत खराब होने के बावजूद इस फिल्म को पूरा कराने में बड़ी मदद की थी
गुलज़ार, मीना कुमारी की जिंदगी में बहुत अहमियत रखते थे, यही वजह है कि उन्होंने अपने अंतिम समय अपने जीवनभर की पूंजी यानि उनकी लिखी गज़लें, नज़्म, कविताएं सभी कुछ गुलज़ार को सौंप दिया था।
वहीं गुलजार ने मीना कुमारी की कविता को 'मीना कुमारी की शायरी' नाम से प्रकाशित किया । हालांकि वे इसे देखने से पहले ही दुनिया से कूच कर चुकी थीं। उस दौर में गुलज़ार अक्सर अपने इंटरव्यु में मीना कुमारी की नज़मों की चर्चा करते थे।