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इस वजह से पंकज त्रिपाठी को जेल में बिताने पड़े थे 7 दिन, 6 साल तक पत्नी ने संभाला था पूरा घर-परिवार

एंटरटेनमेंट डेस्क. चाहे 'मिर्जापुर' के कालीन भैया हों या 'फुकरे' के पंडित जी, 'क्रिमिनल जस्टिस' के वकील माधव मिश्रा का किरदार हो या फिर 'मिमी' के भानु प्रताप पांडे का। पंकज त्रिपाठी ने अपने हर एक किरदार से दर्शकों के दिलों में जगह बनाई है। आज भले ही पंकज को दर्शकों का इतना प्यार मिल रहा है कि उनके पास काम की कोई कमी नहीं है पर उनके जीवन में एक वक्त ऐसा भी था जब वे 6 साल तक बेरोजगार थे। वे हर रोज बड़े से बड़े और छोटे से छोटे फिल्ममेकर्स के ऑफिस के चक्कर लगाकर काम मांगते थे, तब भी उन्हें वो काम नहीं मिल पाता था जो उन्हें चाहिए था। बहरहाल, आज पंकज को न सिर्फ उनके काम बल्कि उनके अनोखे अंदाज और मिलनसार व्यवहार के लिए भी पहचाना जाता है। आज पंकज के 46वें जन्मदिन के खास मौके पर जानिए उनसे जुड़े कुछ खास किस्से...

Akash Khare | Updated : Sep 05 2022, 12:23 PM
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डॉक्टर बनाने के लिए पिता ने भेजा था पटना
बिहार के बेलसंड गांव में जन्मे पंकज का बचपन बेहद बेहद साधारण रहा। पंकज के परिवार में उनके माता-पिता के अलावा 3 भाई बहन भी थे। गांव में स्कूल और अस्पताल तक नहीं थे। ऐसे में उन्होंने पेड़ के नीचे लगने वाले स्कूल में पढ़ाई की। गांव में मनोरंजन का एकमात्र जरिया नाटक-नौटंकी हुआ करता था जिसमें पंकज बढ़-चढ़कर भाग लेते थे। उन्होंने कई नाटकों में फीमेल किरदार निभाए। उनकी एक्टिंग देखकर कई लोगों ने उन्हें एक्टर बनने की सलाह दी पर पिता पंकज को डॉक्टर बनाना चाहते थे इसलिए उन्होंने पंकज को पढ़ने के लिए पटना भेज दिया।

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सरकार के खिलाफ आवाज उठाने पर हुई 7 दिन की जेल
पटना पहुंचकर पंकज ने इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट में दाखिला ले लिया। इसके साथ ही वे थिएटर से जुड़े रहे और अपनी एक्टिंग को जारी रखा। इसके साथ ही वे कॉलेज पॉलिटिक्स में भी काफी एक्टिव रहे। पढ़ाई के दौरान पंकज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए। इस दौरान स्टेट गर्वमेंट के खिलाफ आवाज उठाने पर उन्हें 7 दिन जेल में भी बिताने पड़े।

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जेल में बिताए 7 दिनों का पड़ा गहरा असर
जेल में बिताए उन 7 दिनों का पंकज के जीवन पर काफी प्रभाव पड़ा। इस बारे में पंकज ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'जेल में आपके पास वक्त ही वक्त होता है। कुछ भी करने के लिए नहीं होता। ऐसे में आप अपने बारे में और गहराई से सोच पाते हैं आत्मचिंतन कर पाते हैं। उन 7 दिनों में मैंने भी खूब आत्मचिंतन किया और इसकी वजह से मेरे जीवन में बड़ा बदलाव आया।'

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पटना से पहुंचे मुंबई, एनएसडी को दिए 3 साल
बहरहाल, कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही पंकज अपने खर्चे निकालने के लिए एक होटल में कुक बन गए। 2 साल पटना में बिताने के बाद वे दिल्ली गए। दिल्ली पहुंचकर उन्होंने 3 साल नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दिए और फिर पटना वापस आए। कुछ वक्त बाद पंकज को महसूस हुआ कि बिना मुंबई जाए उनके जीवन में बदलाव नहीं आएगा तो आखिरकार उन्होंने मुंबई का रुख किया।

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बहन की नंद से ही हो गया प्यार
इसी बीच पंकज को एक वैडिंग सेरेमनी में मृदुला से प्यार हो गया था। परेशानी ये थी कि पंकज की बहन की शादी मृदुला के भाई से हुई थी और उनके घर के ट्रेडिशन के हिसाब से उनकी शादी बहन की नंद से नहीं हो सकती थी। हालांकि, पंकज ने कई जतन कर अपने घर-परिवार को मनाया और आखिरकार परिवार की रजामंदी के बाद दोनों 15 जनवरी 2004 को शादी के बंधन में बंध गए। फिलहाल इस कपल की एक बेटी आशी है।

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शुरुआत में किए कई टीवी शोज
शादी के बाद पंकज मृदुला के साथ मुंबई पहुंचे। इस दौरान उन्हें काफी स्ट्रगल करना पड़ा। वो बिहार से थे और भोजपुरी ही उनकी भाषा थी। ऐसे में उन्हें हिंदी और इंग्लिश सीखने के लिए भी खासा स्ट्रगल करना पड़ा। शुरुआत में उन्होंने कई भोजपुरी बैकग्राउंड वाले टीवी शो किए। 2004 में उन्हें अभिषेक बच्चन स्टारर फिल्म 'रन' में विजय राज के साथ एक छोटा सा रोल करने का मौका मिला। कई फिल्मों में छोटे-मोटे रोल भी किए।

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'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से मिली पहचान
पंकज त्रिपाठी को असली पहचान मिली अनुराग कश्यप की फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से। इस फिल्म में उनका रोल काफी सराहा गया। इसके बाद ओटीटी पर रिलीज हुई 'मिर्जापुर' में अपने कालीन भैया के किरदार से उन्होंने अपना करियर सेट कर लिया। आज पंकज के फैंस उन्हें प्यार से पंकज भैया पुकारते हैं। पंकज ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक रोल प्ले किए हैं। इसके लिए उन्हें कई अवॉर्ड्स से भी नवाजा गया है। फिल्म 'न्यूटन' में उन्हें बेहतरीन एक्टिंग के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला था और हाल ही में 'मिमी' के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है।

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कभी 6 साल तक थे बेरोजगार आज मुंबई में हैं दो घर
आज पंकज 40 करोड़ की पॉपर्टी के मालिक हैं। मुंबई के अलावा मड आइलैंड भी उनका घर है। पर एक वक्त ऐसा था जब उन्होंने छह साल तक कुछ नहीं कमाया था। पंकज ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था, '2004 से लेकर 2010 तक मैंने कुछ भी नहीं कमाया। इस दौरान मेरी पत्नी मृदुला ने घर के सारे खर्चे उठाए। पूरे छह साल तक उन्होंने ही घर-परिवार की हर जरूरत को पूरा किया। इस दौरान मैं अंधेरी में घूम-घूमकर लोगों से काम मांगता था कि कोई एक्टिंग करवा लो प्लीज पर किसी ने नहीं सुनी। और आज वो वक्त है जब लोग मेरे घर के नीचे पार्किंग में आकर मुझे फिल्में ऑफर कर रहे हैं।'

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