MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • खेल
  • फोटो
  • गेम्स
  • वीडियो
  • वायरल
  • Home
  • Entertainment
  • Bollywood
  • 36 साल पहले इस फिल्म ने डाली थी अमिताभ की जान जोखिम में, एक पल के लिए डॉक्टर ने बता दिया था डेड

36 साल पहले इस फिल्म ने डाली थी अमिताभ की जान जोखिम में, एक पल के लिए डॉक्टर ने बता दिया था डेड

मुंबई. 36 साल पहले आज (2 दिसंबर) ही के दिन फिल्म कुली रिलीज हुई थी। जब भी इस फिल्म का नाम जहन में आता है तुरंत अमिताभ बच्चन के साथ हुए उस दर्दनाक हादसे की याद आ जाती है। अमिताभ 26 जुलाई 1982 को बेंगलुरु में 'कुली' फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। यह एक फाइट सीन था। एक्शन डायरेक्टर के कहने पर पुनीत इस्सर को अमिताभ के मुंह पर घूंसा मारना था और उन्हें टेबल के ऊपर गिरना था। सीन अमिताभ के बॉडी डबल के साथ शूट करने का सजेशन दिया गया था। बिग बी सीन में रियलिटी चाहते थे, इसलिए उन्होंने खुद ही सीन करने का फैसला किया। डायरेक्टर के एक्शन बोलते ही शूटिंग शुरू हुई। शॉट ओके हुआ और लोग तालियां बजा उठे। अमिताभ के चेहरे पर भी मुस्कराहट थी। लेकिन तभी उन्हें पेट में हल्का दर्द हुआ। दरअसल, टेबल का एक कोना उनके पेट में चुभ गया था। कुली की शूटिंग के दौरान लगी यह चोट, शुरू में मामूली। लेकिन दो दिन बाद इतनी घातक निकली जो उन्हें आज तक दर्द देती है। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में एडमीट किया गया था। एक वक्त तो उनकी हालत देखकर डॉक्टरों ने भी उन्हें डेड कह दिया था। लेकिन पत्नी जया ने किसी भी पल उम्मीद नहीं छोड़ी थी। 

4 Min read
Asianet News Hindi
Published : Dec 02 2019, 01:51 PM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • Google NewsFollow Us
18
बिग बी को दर्द हो रहा था और वे जानते थे कि उन्हें चोट लगी है। लेकिन खून की एक बूंद भी नहीं निकली। इसलिए बिग बी और फिल्म के कास्ट-क्रू मेंबर्स ने इसे मामूली चोट समझा। उनके पेट पर दो बार मलहम लगाया गया। लेकिन जब आराम नहीं लगा तब अमिताभ होटल वेस्ट एंड चले गए, जो उन्होंने दो सप्ताह के लिए बुक कर रखा था। दर्द कम नहीं हुआ तो डॉक्टर को बुलाया गया। लेकिन उन्होंने भी यही कहा कि कोई गहरी चोट नहीं है। डॉक्टर्स पेन किलर दवाएं देकर चले गए ताकि वे आराम से सो सकें।
28
हादसे के अगले दिन जब दर्द में कोई कमी नहीं हुई। बिग बी के पर्सनल फिजिशियन डॉ. केएम. शाह को बुलाया गया। डॉ. शाह उनकी हालत देख बेहद नाराज हुए। तुरंत उन्हें बेंगलुरु के सेंट फिलोमेना हॉस्पिटल में एडमिट किया गया। एक्स-रे किया गया, लेकिन इसमें भी किसी तरह की सीरियस इंजरी डॉक्टर्स को समझ नहीं आई। हालांकि, मेडिकल एक्सपर्ट्स ने कहा कि बिग बी के कुछ टेस्ट्स और किए जाने चाहिए।
38
अमिताभ की स्थिति और बिगड़ गई। यूनिट के कई बार आग्रह करने के बाद वेल्लोर के जाने-माने सर्जन एचएस. भट्‌ट, अमिताभ का केस देखने तैयार हुए। रिपोर्ट देखते ही डॉ. भट्‌ट ने कहा- 'तुरंत ऑपरेशन करना पड़ेगा। क्योंकि इन्फेक्शन बिग बी की बॉडी में फैल चुका है।' अमिताभ को तेज बुखार हो गया था और वे बार-बार उल्टी भी कर रहे थे। उनकी हालत ज्यादा बिगड़ गई। उनकी धड़कन एक मिनट में 72 की जगह 180 की स्पीड से चलने लगी। और वे कोमा में चले गए थे।
48
डॉक्टर्स ने ऑपरेशन शुरू किया। उन्होंने बिग बी का पेट चीरकर देखा तो हैरान रह गए। अमिताभ के पेट की झिल्ली (जो पेट के अंगो को जोड़े रखती है और कैमिकल्स से उन्हें बचाती है) फट चुकी थी। छोटी आंत भी फट गई थी। इस स्थिति में किसी का भी 3 से 4 घंटे जिंदा रहना भी मुश्किल होता है। लेकिन अमिताभ 3 दिन तक इस कंडीशन से गुजरे। डॉक्टर्स ने पेट की सफाई की, आंत सिली। उस वक्त अमिताभ को पहले से ही कई बीमारियां (अस्थमा, पीलिया के कारण एक किडनी भी खराब हो चुकी थी, डायबिटीज) थीं। ऐसे में वे इतने दिन इस प्रॉब्लम से कैसे लड़े, ये किसी आश्चर्य से कम नहीं था।
58
ऑपरेशन के अगले दिन बिग बी को निमोनिया भी हो गया। उनके शरीर में जहर फैलता जा रहा था, खून पतला हो रहा था। ब्लड डेंसिटी को सुधारने के लिए बेंगलुरू में सेल्स मौजूद नहीं थे, जिन्हें मुंबई से मंगवाया गया। खून में सेल्स मिलाने के बाद अमिताभ की स्थिति 4 दिनों में पहली बार कुछ सुधरी थी, लेकिन 29 जुलाई को फिर उनकी हालत खराब हो गई और जैसे-तैसे उन्हें संभाला गया। मीटिंग कर डॉक्टर्स ने तय किया कि अमिताभ को मुंबई ले जाना ही सही होगा, वहां बेहतर इलाज की सुविधा थी।
68
आखिर में एयरबस के जरिए अमिताभ को मुंबई ले जाना तय हुआ। स्टेचर पर लेटे अमिताभ को क्रेन की मदद से एयरबस में शिफ्ट किया गया। 31 जुलाई की सुबह करीब 5 बजे एयरबस मुंबई पहुंची। उन्हें ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल की दूसरी मंजिल पर स्पेशल विजिलेंस वॉर्ड में रखा गया।
78
अमिताभ का दोबारा ऑपरेशन किया गया। यह ऑपरेशन करीब 8 घंटे चला था। उस वक्त ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल किसी रेलवे स्टेशन से कम नजर नहीं आ रहा था। लेकिन बिग बी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई थी। चौबीसों घंटे ब्रीच कैंडी अस्पताल के बाहर हजारों प्रशंसकों की भीड़ लगी रहती थी। देशभर में उनके लिए प्रार्थनाओं का दौर जारी था।
88
आखिरकार अमिताभ को ब्रीच कैंडी अस्पताल से छुट्टी मिल गई। लोगों की बेकाबू भीड़ उनका इंतजार कर रही थी। ठीक होने पर अपने प्रशंसकों का धन्यवाद देते हुए अमिताभ ने कहा था, 'जिंदगी और मौत के बीच यह एक भयावह अग्नि परीक्षा थी। दो महीने का अस्पताल प्रवास और मौत से लड़ाई खत्म हो चुकी है। अब मैं मौत पर विजय पाकर अपने घर प्रतीक्षा लौट रहा हूं।' घर पहुंचकर उन्होंने हाथ हिलाकर अपने शुभचिंतकों का शुक्रिया अदा किया। इतना ही नहीं उन्हें ठीक देखकर पिता हरिवंशराय बच्चन तक के आंसू निकल आए थे।

About the Author

AN
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है।
 
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Andriod_icon
  • IOS_icon
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved