- Home
- States
- Bihar
- BJP में नीतीश के जिगरी यार, दिल्ली से ज्यादा पटना की राजनीति पसंद करते हैं सुशील मोदी, ऐसा है परिवार
BJP में नीतीश के जिगरी यार, दिल्ली से ज्यादा पटना की राजनीति पसंद करते हैं सुशील मोदी, ऐसा है परिवार
पटना (Bihar) । बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी (Deputy CM Sushil Kumar Modi) की बीजेपी (BJP) में अलग पहचान है। साल 2017 में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को कांग्रेस (Congress), आरजेडी (Rjd) के महागठबंधन से बाहर आने पर मजबूर करने वाले मोदी दिल्ली की राजनीति से ताल्लुक रखते हैं। लेकिन, बिहार में सक्रिय रहते हैं और सीएम नीतीश कुमार के जिगरी दोस्त माने जाते हैं। बता दें कि पढ़ाई छोड़कर राजनीति में इंट्री लेने वाले मोदी मुहुर्त को नहीं मानते हैं।
- FB
- TW
- Linkdin
)
खुद अपने व्यवसायी पिता की तरह अपनी और अपने बेटे की शादी कर सुर्खियों में रहे हैं। जिनका एक बेटा इंजीनियर तो दूसरा कानून का जानकार है, जबकि बहू सीए है।
(फाइल फोटो)
डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का जन्म 5 जनवरी 1952 को पटना में हुआ था। शुरूआती पढ़ाई सेंट माइकल स्कूल में हुई। इसके बाद इन्होने बीएससी की डिग्री बीएन कॉलेज, पटना से की। बाद में इन्होने एमएससी का कोर्स छोड़ दिया और जय प्रकाश नारायण द्वारा चलाए गए आंदोलन में कूद पड़े थे।(फाइल फोटो)
सुशील कुमार मोदी, साल 1973 में पटना यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स यूनियन के जनरल सेक्रेटरी चुने गए। लालू प्रसाद यादव उस समय इसके अध्यक्ष थे। इमरजेंसी के दौरान मोदी पांच बार गिरफ्तार किए गए थे। उनका आरएसएस से भी गहरा जुड़ाव है।(फाइल फोटो)
सुशील कुमार मोदी पहली बार 1990 में विधायक बने थे। इसके बाद 1995 और 2000 में भी विधायक चुने गए। इसके बाद 2004 में सांसद बने। लेकिन, 2005 में बिहार में एनडीए की सरकार बनी तो इस्तीफा देकर डिप्टी सीएम बन गए। 2015 में जेडीयू-आरजेडी महागठबंधन की सरकार गिरने के बाद 27 जुलाई, 2017 को बिहार के फिर से उपमुख्यमंत्री बने। उन्होंने ही पहली बार चारा घोटाले में पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।(फाइल फोटो)
सुशील मोदी ने 13 अप्रैल 1987 में बिना मुहुर्त के जेसी जॉर्ज से शादी की थी, जो मुंबई से हैं। बताते हैं कि उस समय उन्होंने अपनी शादी का आमंत्रण हाथ से चिट्ठी लिखकर अटल बिहारी वाजपेयी को भी भेजी थी, जो न सिर्फ मोदी की शादी में शामिल हुए थे,बल्कि भाषण भी दिए थे। उनके दो बेटे उत्कर्ष ताथगेट और अक्षय अमृतांशु हैं। तथगेट ने बंगलौर में इंजीनियरिंग पूरी की, जबकि अक्षय ने राष्ट्रीय कानून संस्थान विश्वविद्यालय, भोपाल में कानून पूरा किया।(फाइल फोटो)
बंगलौर की एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले उत्कर्ष की शादी कोलकाता की एक लड़की (चार्टर्ड अकाउंटेंट) से हुई है। यह शादी 3 दिसंबर 2017 को पटना से हुई थी, जो काफी चर्चित थी, क्योंकि वैदिक रीति रिवाज से हुई थी। लेकिन, इसके लिए कोई मुहुर्त या लग्न नहीं निकलवाया गया था। (फाइल फोटो)
बताते हैं कि मुंबई से आए सात सदस्यों की टीम गायन शैली में विवाह की रश्म पूरी कराई थी। संस्कृत में विवाह के वैदिक मंत्रों शाब्दिक अर्थ समझाने के लिए अथितियों को एक आठ दस पन्नों की पुस्तिका भी बांटी गई थी। इस विवाह के लिए कोई आमंत्रण कार्ड नहीं छपा था। यही नहीं, शादी में आने वालों को सिर्फ खाने के लिए प्रसाद दिया गया था, जबकि करीब दो हजार लोग शादी में शामिल हुए थे।(फाइल फोटो)
तीन साल पहले सुशील मोदी ने खुद कहा था कि वे इन चीजों में विश्वास नहीं करता। वे कहते हैं कि शादी की कौन कहे कोई भी चुनाव लड़ा बिना मुहुर्त दिखाए नामांकन किया। कोई चुनाव हारा भी नहीं। पिता मोती लाल मोदी व्यवसाय करते थे। कई दुकानें खोली। रविवार के दिन पूजा कराकर शुभारंभ करते थे। इसलिए कि सभी दुकानें बंद रहती थीं। इसी लिए बेटे की शादी के लिए भी कोई मुहुर्त नहीं दिखवाया।(फाइल फोटो)