कौन हैं रामा सिंह, जो बने तेजस्वी यादव के हनुमान? यहां से लड़ सकते हैं विधानसभा चुनाव
पटना (Bihar)। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) में सभी दल अपने-अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर रहे हैं। लेकिन,आरजेडी खेमे में पूर्व सांसद रामा सिंह ( Rama Singh) का नाम फिर से चर्चा में आ गया है, जो एक दिन पहले राबड़ी देवी (Rabri Devi) के आवास पर तेजस्वी यादव (Tejashwi Yada) से दो घंटे तक बातचीत किए। बता दें कि यह वही रामा सिंह हैं, जिनके इंट्री की आरजेडी के कद्दावर नेता और लालू प्रसाद यादव के हनुमान कहे जाने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) ने मरते दम तक विरोध किया था। हालांकि उस समय उनकी इंट्री तक रूक गई थी, लेकिन अब सबकुछ उल्टा हो गया है, क्योंकि रामा सिंह ही अब तेजस्वी यादव के हनुमान बनते दिख रहे हैं। इतना ही नहीं वे दो पसंदीदा सीट में से एक पर चुनाव भी लड़ना चाह रहे है।
| Published : Oct 05 2020, 02:41 PM IST / Updated: Oct 08 2020, 09:45 AM IST
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रामा सिंह तो वैसे कई बार चर्चा में रहे, लेकिन उनका पुलिस फाइल में बड़ा नाम तब आया जब वह विधायक बन गए। 90 के दशक में तेजी से उभरा था। उनकी दोस्ती अपने समय के डॉन अशोक सम्राट से हुआ करती थी। वो वैशाली ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर बिहार में बादशाहत का सपना देख रहे थे। लेकिन, इसी दौरान अशोक सम्राट हाजीपुर में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। फाइल फोटो)
बताते हैं कि 2001 में छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के कुम्हारी इलाके में 29 मार्च 2001 को पेट्रोल पंप व्यवसायी जयचंद वैद्य का अपहरण हुआ था। अपहरणकर्ता जयचंद को उनकी कार के साथ ले गए थे। इस केस में रामा सिंह को छत्तीसगढ़ की अदालत में सरेंडर कर जेल भी जाना पड़ा था।
साल 1996 से लगातार 5 बार वैशाली सीट पर राजद का झंडा गाड़ने वाले रघुवंश सिंह का विजय रथ भी 2014 में लोजपा के रामा सिंह ने ही रोका था। उसके बाद 2019 में भी उनके खिलाफ ही रामा गोलबंदी में रहे, जबकि उनकी सीट पर लोजपा ने वीणा देवी को उतारा था। इतना ही नहीं वैशाली सीट पर रामा सिंह हमेशा उनके खिलाफ रहे।(फाइल फोटो)
रामा सिंह पांच बार विधायक रहे हैं । 2014 के मोदी लहर में राम विलास पासवान की लोजपा से वैशाली से सांसद चुने गए। उन्होंने आरजेडी के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह को हराया था। इसी हार के बाद रघुवंश प्रसाद रामा सिंह का नाम तक नहीं सुनना चाहते थे। (फाइल फोटो)
साल 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद रघुवंश प्रसाद सिंह ने जयचंद वैद अपहरण कांड को ही आधार बना कर पटना हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह का आरोप था कि चुनाव आयोग को दिए गए शपथ पत्र में रामा किशोर सिंह ने वैद अपहरण कांड से संबंधित जानकारी नहीं दी है, इसलिए लोकसभा की उनकी सदस्यता रद्द की जानी चाहिए।(फाइल फोटो)
2014 में सांसद बनने के बाद 2019 में एलजेपी ने रामा सिंह को टिकट नहीं दिया था। यहां से वीणा देवी को प्रत्याशी बनाया गया था। जिसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी और आरजेडी में आने की कोशिश कर रहे हैं। बता दें कि इनका 2019 से रघुवंश सिंह विरोध कर रहे थे, जिसके चलते आज तक उनकी आरजेडी में नहीं हो पाई। हालांकि अब रघुवंश प्रसाद की मौत हो चुकी है। ऐसे में उनका विरोध करने वाला कोई बड़ा चेहरा नहीं है।
खबर है कि रविवार देर शाम रामा सिंह की राबड़ी आवास में तेजस्वी यादव से बातचीत हुई। वो महनार व लालगंज सीट चाहते हैं, लेकिन महनार सीट पर आरजेडी के बड़े नेता विशुनदेव राय के भतीजे डॉ. मुकेश रंजन ने भी दावा किया है। मुकेश रंजन का दावा है कि वहां उन्हें रघुवंश प्रसाद सिंह के स्वजनों का भी साथ मिलेगा। जबकि, रामा सिंह को उनका विरोध झेलना पड़ेगा। इस मसले पर आज फिर बात होनी है।