बिहार को 4 सीएम दे चुका है ये कॉलेज, यहां पढ़ने वाले कई नेता बन चुके हैं मंत्री
पटना (Bihar ) । बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) हो और भागलपुर (Bhagalpur) के टीएनबी कॉलेज (TNB College) का नाम न लिया जाए ऐसा हो नहीं सकता। जी हां, इसी कॉलेज से पढ़ने वाले चार स्टूडेंट आगे चलकर बिहार के सीएम बने थे, जबकि कई मंत्री। बता दें कि इनमें पांच दिन के सीएम रहे सतीश प्रसाद सिंह (Satish Prasad Singh) भी शामिल थे, जो इसी कॉलेज से पढ़ाई किए थे। बताते हैं कि राजनीति इन सुरमाओं ने पढ़ाई अर्थशास्त्र से की थी, लेकिन राजनीति को कॅरियर बनाया और सत्ता के शिखर तक पहुंचे। आज भागलपुर और इस कॉलेज से इन दिग्गजों की कई यादें जुड़ी हैं। जिनके बारे में आज हम आपको बता रहे हैं।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पहले टीएनबी कॉलेज का नाम टीएनजे कॉलेज था। तब बिहार में तीन ही प्रमुख कॉलेज हुआ करते थे, जिनमें पटना कॉलेज पटना, दूसरा टीएनजे कॉलेज,भागलपुर और तीसरा लंगट सिंह कॉलेज, मुजफ्फरपुर। टीएनबी कॉलेज 1882 ई. का है। विद्यालय प्रशासन अनुसार सभी नेता 60-70 के दशक में यहां से पढ़े हैं।
दारोगा प्रसाद राय टीएनबी कॉलेज के छात्र रहे हैं। वे कॉलेज के वेस्ट ब्लॉक हॉस्टल में रहते थे। वे बिहार के 10वें मुख्यमंत्री बने थे, जिनका कार्यकाल 16 फरवरी 1970 से 22 दिसंबर 1970 तक था।
कहते हैं कि बिहार के सत्येन्द्र नारायण सिंह यहां इतिहास के शिक्षक थे। हालांकि उन्होंने कुछ दिनों तक ही पढ़ाया, जिसके बाद राजनीति में चले गए, जो बाद में बिहार के सीएम बने थे। इसके पहले वह बिहार सरकार में कई बार मंत्री भी रहे। उनका साल 2006 में निधन हो गया।
भागवत झा आजाद भी अर्थशास्त्र से यहां स्नातक की पढ़ाई किए थे। इसके बाद एमए करने पटना कॉलेज में दाखिला लिए थे, जो यहीं से राजनीति में आए और बिहार के सीएम बने थे। वे सीएम बनने के बाद कॉलेज से अपना नाता रखे। बताते हैं कि एक बार कॉलेज के स्वर्ण जयंती समारोह का उद्घाटन करने आए थे। हालांकि उनका 2011 में निधन हो गया।
सतीश प्रसाद सिंह भी इसी कटलेज के स्टूडेंट थे, जो बिहार के इतिहास में सबसे कम समय 5 दिन तक मुख्यमंत्री बने थे। वो संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के नेता थे। इसके अलावा ललित बाबू के अलावा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. शिवचंद्र झा ने भी यहां से स्नातक की पढ़ाई की थी। बाद में वे भागलपुर विश्विद्यालय के प्राध्यापक भी बने थे।
ललित नारायण मिश्र 1923 से 1975 तक भारत के रेलमंत्री थे। वह भी इसी कालेज से स्नातक की पढ़ाई किए थे। जिनकी 3 जनवरी 1975 को समस्तीपुर में हत्या कर दी गई थी।