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चुनावी गणित के साथ पूजा-पाठ, तंत्र साधना भी कराते थे लालू यादव, चर्चा में थी पगला बाबा से ये मुलाकात
पटना (Bihar) । नेता चुनावी जीत के लिए जनता जनार्दन के चक्कर तो लगाते ही हैं पूजा-पाठ, तंत्र मंत्र की शरण भी लेते हैं। बिहार के नेताओं को लेकर कई बार ऐसी खबरें सामने आई हैं। आरजेडी चीफ लालू यादव (RJD Chief Lalu Yadav) भी राजनीति के लिए पूजा पाठ तंत्र साधना की शरण में जाते दिखे हैं। 2011 और 2013 में लालू के गुरु पगला बाबा ने विंध्याचल में विशेष अनुष्ठान कराया था। ये अनुष्ठान लालू के अच्छे दिनों के लिए था। कहते हैं कि एक बार पगला बाबा ने लालू को मिट्टी में मिल जाने का श्राप भी दिया था। कहते हैं कि पूजा पाठ के बाद 2015 में लंबे समय के बाद आरजेडी की सत्ता में वापसी हुई थी। सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने भी लालू के भूत-प्रेत वाली कहानी सुनाकर सबको हैरान कर दिया था। तब लालू और उनकी पत्नी राबड़ी देवी (Rabri Devi) ने ट्वीट में इसका जवाब भी दिया था।
| Published : Oct 06 2020, 06:52 PM IST / Updated: Oct 25 2020, 11:19 AM IST
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यूपी के मीरजापुर में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपने तांत्रिक गुरु विभूति नारायण उर्फ 'पगला बाबा' से साल 2011 में विशेष अनुष्ठान कराया था। इसके बाद 27 जुलाई 2013 को विंध्याचल आश्रम में तीन घंटे तंत्र साधना की थी। इस दौरान उन्होंने फोन से राबड़ी देवी की बाबा से बात करवाई थी और आशीर्वाद दिलाया था।
बताते हैं कि लालू यादव अपने खराब समय में गुप्त तंत्र अनुष्ठान 'पगला बाबा' से ही कराते थे। उस समय पगला बाबा ने लालू को तंत्र पूजा के बाद आश्रम में परिक्रमा करवाई थी। इस दौरान उनके पास ही एक कुत्ता सोते दिखा था। लालू पहले भी कई और जगह अनुष्ठान करा चुके हैं। (प्रतीकात्मक फोटो)
नीतीश कुमार ने लालू के पूजा-पाठ और तंत्र-मंत्र की कहानी सुनाकर सबको हैरान कर दिया था। उन्होंने बताया था कि 2006 में यहां (1 अणे मार्ग, सीएम हाउस) रहने आए। तब राजद अध्यक्ष लालू और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी आवासीय परिसर से मिट्टी ले गए थे। घर की दीवारों पर जगह-जगह छोटी-छोटी पुड़िया रखी थी।
नीतीश ने कहा था- हम तो समझ भी नहीं पाए कि इन सबका क्या मतलब था? वैसे लालू ने बाद में खुद हंसते हुए कहा था कि वह सीएम हाउस में भूत छोड़कर आए हैं। हम तो इन बातों को नहीं मानते। टोना-टोटका, अंधविश्वास बेकार की बात है। (छठ पर लालू का अंदाज)
नीतीश के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा था कि 'गरीबों के खेवनहार जब 2005 में मुख्यमंत्री आवास से निकले थे, तब उसमें एक भूत घुसा था।
लालू ने भी ट्वीट कर नीतीश पर नीशाना साधा था। उन्होंने लिखा था कि इस बार जनता कसके वोट की झाड़-फूंक से इनके सारे भूत-प्रेत छुड़ा देगी। विकराल बेरोजगारी, महंगाई, ध्वस्त विधि व्यवस्था, बदहाल शिक्षा व्यवस्था और घूसखोरी जैसे सतही भूत-प्रेत और डरावने मुद्दों की बात नहीं करके छलिया लोग जनता को भ्रमित करने के लिए भुतही बातें कर रहे हैं।
2018 में लालू के बड़े बेटे और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने भी पटना में आवंटित सरकारी बंगले को यह आरोप लगाते हुए खाली कर दिया है कि 'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भूतों को खुला छोड़ दिया है...' हालांकि जेडीयू ने उस समय तेजप्रताप यादव के 'भूतों वाले' बयान को पब्लिसिटी हासिल करने की तरकीब करार दिया था।
(फाइल फोटो सावन के समय का)
बताया जाता है कि तेजप्रताप यादव इस बंगले का ज्यादातर इस्तेमाल अपने समर्थकों से मुलाकात के लिए किया करते थे। रात के समय वह उस बंगले में जाकर रहते हैं, जो पूर्व मुख्यमंत्री और उनकी मां राबड़ी देवी को आवंटित किया गया है।
(फाइल फोटो सावन के समय का)