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कभी सीता बनते थे रवि किशन, अब फिर से चढ़े रामलीला के मंच पर, सिर पर रखी 'श्रीराम' की चरण पादुका
मुंबई. देशभर में शरद नवरात्रि का पर्व बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जा रहा है। चारों तरफ भक्ति की भावना देखने के लिए मिल रही है। हर कोई मां का स्वागत कर रहा है और नवों देवियों की पूजा कर रहे हैं। इसके साथ ही इन दिनों देशभर में जगह-जगह रामलीला का आयोजन भी किया जाता है। ऐसे में अयोध्या की रामलीला में मगलवार को बीजेपी सांसद और भोजपुरी के सुपरस्टार रवि किशन पहुंचे। इसमें वो श्रीराम के भाई भरत का रोल निभाते दिखे। भरत के रोल में शेयर की फोटो...
| Published : Oct 21 2020, 01:10 PM IST / Updated: Oct 22 2020, 08:34 AM IST
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रवि किशन ने भरत का रोल निभाते हुए ट्विटर पर कुछ फोटो शेयर की है। वहीं, रामलीला के मंच पर वो श्रीराम की चरण पादुका को सिर पर उठाते नजर आ रहे हैं और कहते हैं कि प्रभु आप जल्दी लौट आना वर्ना भरत अपने प्राण त्याग देगा।
इस पूरी रामलीला के दौरान रवि किशन का लिबाज और एक्टिंग काफी आकर्षक रही थी। लोगों को उनका रोल काफी पसंद आ रहा है। गौरतलब है कि एक बार रवि किशन ने कहा था कि अगर भोजपुरी में रामायण बनती है तो वो इसमें राम का किरदार निभाना पसंद करेंगे।
बता दें, रवि किशन को बचपन से ही एक्टिंग का काफी शौक रहा है। वो अपने इस एक्टिंग के शौक को पूरा करने के लिए गांव की रामलीला में सीता का रोल प्ले किया करते थे, लेकिन एक्टर के पिता को ये बिल्कुल भी पसंद नहीं था कि उनका बेटा एक्टिंग करें और खासतौर पर लड़का होकर लड़की बने।
रवि किशन ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके पिता उन्हें दूध-दही के कारोबार में लगाना चाहते थे, जो कि उनके पिता किया करते थे। एक बार तो रवि किशन को उन्होंने सीता रोल प्ले करते हुए पकड़ लिया था, इसके बाद घर लाकर एक्टर जमकर पिटाई की थी। बाद में मां को उन्हें घर से पैसे देकर भगाना पड़ा था और तभी एक्टर जौनपुर से मुंबई चले आए और एक्टिंग में संघर्ष करने लगे।
रवि किशन ने बताया था कि उनके पिता एक्टिंग से नफरत नहीं करते थे बल्कि उनको डर लगता था कि कहीं उनका बेटा गलत राह पर ना चला जाए और उनका करियर खत्म हो जाए और रवि ने भी उनकी इस चिंता को कभी यकीन में नहीं बदलने दिया और आज वो एक्टर और गोरखपुर सीट से बीजेपी सांसद हैं।
रवि जब पिता के डर से घर छोड़कर मुंबई भाग आए थे तो उन्हें तमाम तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। यहां पर वो दो रुपए का वड़ा पाव खाकर गुजारा करते थे और कभी-कभी तो उन्हें भूखे पेट भी गुजारा करना पड़ता था।
रवि किशन ने बॉलीवुड में 1991 में आई फिल्म 'पितांबर' से डेब्यू किया था। हालांकि, उनकी ये फिल्म कुछ खास नहीं चली लेकिन, उनकी एक्टिंग लोगों को काफी पसंद आई। वो हिंदी सिनेमा में अपने सपोर्टिंग रोल से लोगों का दिल जीतने लगे और धीरे-धीरे स्टार बन गए।
फोटो सोर्स- ट्विटर।