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पेट्रोल या डीजल कार, जानें कौन सी गाड़ी खरीदने से होता है फायदा, भूल से भी ना करें ये गलती
ऑटो डेस्क : आज के समय में कार लेना सभी की चाहत होती हैं। इसके लिए लोग लाखों रुपए खर्च करते हैं। मार्केट में पेट्रोल - डीजल (Petrol-Diesel) दोनों वेरियेंट की गाड़ियां मिलती है। डीजल कार खरीदने पर माइलेज (Mileage) अच्छा मिलता है, तो पेट्रोल कार खरीदने पर पावर (Power) ज्यादा मिलती है। ज्यादातर लोग इसी कन्फ्यूजन में रहते हैं कि डीजल कार खरीदें या पेट्रोल। दोनों ही कारों के अपने-अपने फायदे और नुकसान होते हैं। आज हम यही बताने वाले हैं कि कौन सी कार आपके लिए बेहतर ऑप्शन होगी।
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आज कल सभी ऑटोमोबाइल्स कंपनियां (Automobile companies) पेट्रोल के साथ-साथ डीजल वेरिएंट को भी लॉन्च करती हैं, क्योंकि भारतीय बाजार में डीजल कारों की मांग ज्यादा है।
डीजल कार (Diesel car) पेट्रोल कार से महंगी होती है। किसी भी कार का डीजल मॉडल उसके पेट्रोल मॉडल से 1 से 1.5 लाख ज्यादा कीमत में मिलता है।
डीजल कारें पेट्रोल के मुकाबले ज्यादा माइलेज देती हैं, लेकिन इनका मेंटेनेंस ज्यादा होता है। पेट्रोल इंजन के मुकाबले डीजल इंजन की लाइफ भी कम होती है।
पेट्रोल कार (Petrol car)डीजल के मुकाबले ज्यादा पावरफुल होती है। हालांकि पेट्रोल कार का माइलेज थोड़ा कम होता है, लेकिन इनका मेंटेनेंस भी कम होता है।
अगर आपको अपनी कार का इस्तेमाल व्यावसायिक तौर पर करना है तो डीजल कारें आपके लिए फायदेमंद हो सकती हैं। रोजना 50 किमी से ज्यादा का सफर तय करने के लिए डीजल कार एक बेहतर विकल्प है।
जिन लोगों की रनिंग कम हो, यानी जो लोग दिन में 15 - 20 किमी कार चलाते हो उनके लिए पेट्रोल कार बेहतर होती हैं। परफॉरमेंस के मामले में पेट्रोल कारें बेहतर प्रदर्शन करती हैं।
भारत में बीएस-6 नॉर्म्स (BS-6 norms) लागू होने के बाद तमाम ऑटो कंपनियां डीजल कारें कम बना रही हैं। भारत में डीजल कारों की डिमांड कम होने की वजह पेट्रोल और डीजल के दाम भी हैं। दोनों के रेट में अब ज्यादा फर्क नहीं बचा है।