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Shattila Ekadashi 2023: 18 जनवरी को इन 6 कामों में करें तिल का उपयोग, जानें साइंटिफिक रीजन भी
उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi 2023) कहते हैं। इस बार ये एकादशी 18 जनवरी, बुधवार को है। इस एकादशी पर तिल का उपयोग विभिन्न कामों में किया जाता है। जैसे कि नाम से ही पता चलता षटतिला यानी 6 काम जिसमें तिल का उपयोग इस दिन किया जाना चाहिए। विभिन्न ग्रंथों में भी इस तिथि का महत्व बताया गया है। आगे जानिए इस तिथि का महत्व और उन 6 कामों के बारे में जिनमें तिल का उपयोग करना चाहिए…
तिलस्नायी तिलोद्वार्ती तिलहोमी तिलोद्की।
तिलभुक् तिलदाता च षट्तिला: पापनाशना:।।
अर्थ: षटतिला एकादशी पर तिल मिले जल से नहाना, तिल का उबटन लगाना, तिल से हवन, तिल मिला हुआ पानी पीना, तिल का भोजन और तिल का दान करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं।
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1. क्यों करें तिल मिले जल से स्नान?
षटतिला एखादशी पर तिल मिले जल से स्नान करने की बात गई है। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण छिपा है। देखा जाए तो शीत ऋतु में त्वचा रूखी हो जाती है, जिसके कारण कई परेशानी हो सकती है। तिल मिश्रित जल से स्नान करने से इस तरह की परेशानियों से बचा जा सकता है क्योंकि तिल में तेल की मात्रा काफी अधिक होती है जो स्किन प्रॉब्लम से बचाती है।
2. क्यों लगाएं तिल का उबटन?
तिल से बना उबटन भी त्वचा से जुड़ी कई समस्याएं दूर करता है। पुरातन समय में जब शरीर पर लगाने के कोई क्रीम नहीं होती थी, उस समय लोग तिल से बने उबटन का ही प्रयोग त्वचा को चमकाने के लिए करते थे। शीत ऋतु में इसका उपयोग और भी जरूरी हो जाती है। इसलिए षटतिला एकादशी पर तिल का उबटने लगाने की परंपरा है।
3. तिल मिला जल पीना
शीत ऋतु में शरीर को कई आवश्यक विटामिन और प्रोटीन की आवश्यकता होती है। वो सभी चीजें तिल में आसानी से मिल जाता है। इससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा प्राप्त होती है, इसलिए षटतिला एकादशी पर तिल मिश्रित जल पीने की परंपरा हमारे विद्वानों ने बनाई है।
4. तिल से बने पकवान खाना
शीत ऋतु में और खास तौर पर माघ मास में तिल को अपने भोजन में जरूर शामिल करना चाहिए। इसलिए इस मौके पर तिल से बने पकवान जैसे लड्डू, गजक, रेवड़ी आदि विशेष रूप से बनाई और खाई जाती है। यही कारण है कि माघ मास में तिल का उपयोग बहुत जरूरी माना गया है। षटतिला एकादशी पर तिल का उपयोग भोजन में जरूर करना चाहिए।
5. तिल का दान करें
धर्म ग्रंथों के अनुसार, तिल का दान करने से पापों का नाश होता है और भगवान विष्णु अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं। इसका दूसरा पक्ष ये भी है कि कई लोग पैसों के अभाव में तिल से बने पकवान खाने में असमर्थ होते हैं। ऐसी स्थिति में उन लोगों को तिल या तिल से बने पकवान खाने से उन्हें भी इस मौसमें जरूरी ऊर्जा प्राप्त होती है।
6. तिल से हवन
हवन हिंदू धर्म में आवश्यक कर्म बताया गया है। समय-समय पर हवन व यज्ञ जरूर करने चाहिए। हवन कई चीजों से किया जाता है। षटतिला एकादशी पर तिल से हवन करने की परंपरा है। तिल से हवन करने पर वायुमंडल सुगंधित होता है और बैक्टीरिया नष्ट होते हैं।
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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।