सार
कर्नल विप्लव त्रिपाठी (Colonel Viplav Tripathi) उनकी पत्नी और 8 साल का बच्चा आतंकी हमले का शिकार हो गए थे। उनकी कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।
क्या वायरल हो रहा है: मणिपुर (Manipur) में घात लगाकर कर्नल विप्लव त्रिपाठी (Colonel Viplav Tripathi) और उनके परिवार पर आतंकियों ने हमला कर दिया था। उसी हमले से जोड़कर सोशल मीडिया (Social Media) पर दो तस्वीरें वायरल हो रही हैं। तस्वीरों के साथ दावा किया जा रहा है कि वे तस्वीरों घटनास्थल की हैं। असम राइफल्स (Assam Rifles) की खुगा बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी, पत्नी, 8 साल का बेटा और चार अन्य जवान शहीद (Martyr) हो गए थे। हमला 13 नवंबर को मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में किया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह हाल के दिनों में इस क्षेत्र में हुए सबसे घातक हमलों में से एक था। हमले को लेकर जो तस्वीरें वायरल हो रही हैं उन्हें केंद्रीय मंत्रियों और अन्य विधायकों ने भी शेयर किया है। एक तस्वीर में सुरक्षा बलों को जली हुई गाड़ियों के सामने खड़ा देखा जा सकता है। दूसरी तस्वीर कर्नल विप्लव त्रिपाठी के परिवार की है।
वायरल तस्वीर का सच क्या है:
- वायरल तस्वीर के सच का पता लगाने के लिए गूगल के रिवर्स इमेज टूल की मदद ली गई। इस टूल की मदद से पहले वायरल तस्वीर को सर्च किया गया। तब कई लिंक मिले। एक लिंक पर क्लिक किया गया तो साल 2015 में पब्लिश एक न्यूज रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक, तस्वीर जून 2015 में मणिपुर के चंदेल जिले में हुए एक आतंकवादी हमले की है। रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकवादियों ने उनके काफिले पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें कम से कम 18 सैनिक शहीद और 11 घायल हो गए।
- घटना से जुड़ी दूसरी तस्वीरें भी मिलीं। एक तस्वीर रॉयटर्स को क्रेडिट देते हुए पब्लिश की गई थी। ये साल 2014 की थी। गूगल पर इससे संबंधित की वर्ड डालने पर सर्च किया गया तो अगस्त 2014 में रॉयटर्स की वेबसाइट पर दूसरी तस्वीरें भी मिल गईं।
- रॉयटर्स के मुताबिक, तस्वीर असम और नागालैंड के गांवों के बीच क्षेत्रीय विवाद के कारण हुई झड़पों की हैं। फोटो के कैप्शन में लिखा है, भारतीय सेना के जवान एक पेड़ की डालियों को हटाते हुए। प्रदर्शनकारियों ने पूर्वोत्तर राज्य असम के गोलाघाट में सड़क जाम करने के लिए पेड़ों की टहनियों को फेंका था। कई मीडिया रिपोर्ट्स में भी इस घटना का जिक्र किया गया। ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक, तस्वीर असम और नागालैंड के बीच अशांति के पांचवें दिन की है। पांचवें दिन कर्फ्यू को धता बताते हुए गोलाघाट के निवासियों ने पुलिस पर हमला किया।
निष्कर्ष: वायरल तस्वीरों की पड़ताल करने पर पता चला कि दोनों तस्वीरें मणिपुर में हुए हमले से जुड़ी नहीं हैं, बल्कि पुरानी हैं। इन दोनों तस्वीरों को कर्नल विप्लव त्रिपाठी और उनके परिवार की तस्वीरों के साथ वायरल किया जा रहा है जो कि पूरी तरह से झूठ है। इस फेक तस्वीर को वायरल होने से रोके।
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