सार

रणवीर अल्लाहबादिया पर अश्लीलता फैलाने के आरोप में कई धाराओं में केस दर्ज। जानिए क्या है पूरा मामला और उन्हें क्या सजा हो सकती है।

'इंडियाज़ गॉट टैलेंट' शो में अश्लील बातें करके विवादों में घिरे मशहूर यूट्यूबर और पॉडकास्टर रणवीर अल्लाहबादिया अब चर्चा का विषय हैं। उनके खिलाफ कई राज्यों में एफआईआर दर्ज हुई है, और संसद में भी इस मुद्दे पर बहस हो सकती है। अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर YouTube पर कुछ भी बोलने वाले कई स्टैंड-अप कॉमेडियन, पॉडकास्टर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के लिए मुंबई पुलिस द्वारा कई धाराओं में दर्ज किया गया केस एक सबक है। रणवीर अल्लाहबादिया पर दर्ज हुए केस के ज़रिए समझते हैं कि सार्वजनिक रूप से अश्लीलता फैलाने पर क्या सज़ा मिल सकती है।

रणवीर पर लगाया गया पहला केस आईपीसी 296 के तहत है। यह धारा सार्वजनिक जगह पर अश्लील हरकतें और गाने गाने पर लागू होती है। इसका मकसद सार्वजनिक जगहों को सुरक्षित और आपत्तिजनक चीज़ों से मुक्त रखना है। अगर कोई सार्वजनिक रूप से अश्लील हरकत करता है, तो उसे 3 महीने की जेल या 1 हज़ार रुपये तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।

उन पर लगाई गई दूसरी धारा 67 है। यह इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अश्लील सामग्री फैलाने से संबंधित है। आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत पहले अपराध में 3 साल तक की जेल और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। दूसरे अपराध में 5 साल तक की जेल और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।


2000 के सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की एक और धारा, आईटी एक्ट 67A भी लगाई गई है। यह इलेक्ट्रॉनिक रूप से यौन संबंधी सामग्री प्रकाशित या प्रसारित करने से संबंधित है। इसके तहत अपराध जमानती नहीं होते, यानी जमानत अपने आप नहीं मिलती। यह न्यायिक विवेक पर निर्भर करता है। 67A के तहत पहली बार अपराध करने पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना और 5 साल तक की जेल हो सकती है। दूसरी बार या उसके बाद अपराध करने पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना और 7 साल तक की जेल हो सकती है। रणवीर अल्लाहबादिया के खिलाफ 67A के तहत भी शिकायतें दर्ज हुई हैं।