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Rajesh Khanna कैसे बने बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार, लड़कियों की दीवानगी के ये किस्से मशहूर
अक्षय कुमार के ससुर राजेश खन्ना ने साल 1960s में आयोजित टैलेंट कॉम्पिटिशन जीतने के बाद एक्टिंग करियर शुरू किया। 'आराधना' ने उन्हें रातों रात स्टार बना दिया। उनका स्टारडम ऐसा था कि लड़कियां उनकी तस्वीरें तकिए के नीचे रखकर सोया करती थीं।

बॉलीवुड के सबसे पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना की 29 दिसंबर को बर्थ एनीवर्सरी है। साल 1942 में जन्मे अक्षय कुमार के ससुर की कामयाबी के किस्से आज भी मशहूर हैं। उनका एक्टिंग का सफर 1960 के दशक में ऑल इंडिया यूनाइटेड प्रोड्यूसर्स टैलेंट कॉम्पिटिशन से शुरू हुआ था।
ऑल इंडिया यूनाइटेड प्रोड्यूसर्स टैलेंट के प्रतियोगिता में राजेश खन्ना उन आठ फाइनलिस्ट्स में शामिल जिन्हें करीब 10,000 से ज्यादा कंटस्टेंट में से चुना गया था। इसके बाद पुरस्कार में उन्हें चेतन आनंद की 'आखिरी खत' और रविंद्र दवे की 'राह' फिल्में मिलीं।
1969 में रिलीज हुई शक्ति सामंत की 'आराधना' ने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया। इस ब्लॉकबस्टर फिल्म ने राजेश खन्ना को रोमांटिक हीरो के तौर पर स्थापित कर दिया। इसके बाद 'दो रास्ते' जैसी फिल्मों ने तो सिनेमाघरों में घुरंधर जैसी सफलता हासिल की थी। राजेश खन्ना की गर्दन झटकने की स्टाइल ने दर्शकों को दीवाना बना दिया।
1969-1971 के बीच राजेश खन्ना ने 12 से 15 सोलो हिट्स ('आराधना', 'खामोशी', 'सफर', 'कटी पतंग' जैसी फिल्में दी) इसके बाद तो उन्हें सुपरस्टार घोषित कर दिया गया। करीब दो साल के वक्स में उन्होंने 10 से ज्यादा हिट मूवी दीं, जो आज भी एक रिकॉर्ड है। इसमें कई फिल्में गोल्डन जुबली हुईं, इसके बाद वे हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार बने।
राजेश खन्ना की फैन फॉलोइंग बेमिसाल थी। लड़कियां उनकी फोटो से शादी कर लिया करती थीं, वे जिस रास्ते से होकर गुजरते थे, उसकी धूल लेकर मांग भर लिया करती थी। उनकी कार यदि पब्लिक प्लेस पर दिख जाए तो उस पर हजारों लिपिस्टक के होंठ बन जाया करते थे। राजेश खन्ना के स्टारडम को पाना आज भी किसी सुपरस्टार के लिए सपने जैसा है।

