नील नितिन मुकेश ने अनुष्का सेन के साथ हुए विवाद पर चुप्पी तोड़ी। उन्होंने बताया कि वीडियो को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया और वो अनुष्का पर गुस्सा नहीं थे, बल्कि उनका ख्याल रख रहे थे।
नील नितिन मुकेश और अनुष्का सेन का एक वीडियो हाल ही में काफी चर्चा में रहा था। इस वीडियो को देखने के बाद लग रहा था कि नील अनुष्का पर गुस्सा कर रहे थे। हालांकि, इसके पीछे का कारण पता नहीं चल पाया, लेकिन कई लोग अनुष्का को ट्र्रोल करने लगे थे। उनका कहना था कि अनुष्का ने नील से बद्तमीजी की थी, जिसकी वजह से नील ने उन्हें फटकार लगाई। हालांकि, अब एक इंटरव्यू के दौरान नील ने इस बारे में खुलकर बात की और सबको पूरी सच्चाई बताई।
नील नितिन मुकेश का खुलासा
नील नितिन मुकेश कहते हैं, 'मुझे इस बात का बेहद अफसोस है कि बिना पूरी जानकारी लिए, एक न्यूज आइटम को जानबूझकर तोड़-मरोड़ कर पेश किया जाता है। ऐसा लगता है कि मकसद केवल उसे सेंसेशनल बनाना, टीआरपी और व्यूज बढ़ाना है, भले ही इसके लिए किसी की इज्जत ही क्यों न दांव पर लग जाए। ये न सिर्फ गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि गलत भी है।' नील ने बताया कि जब चीजें इस तरह से पेश की जाती हैं, जिससे फैंस नाराज हो जाते हैं और यह बिल्कुल अच्छा नहीं लगता। उन्होंने खुलासा करते हुए कहा हम इस बारे में बातें कर रहे थे और हंस रहे थे।
नील नितिन मुकेश ने बताया पूरा किस्सा
नील नितिन मुकेश ने आगे कहा, 'मैं ये बिल्कुल साफ करना चाहता हूं कि जो बात लोगों ने जिस तरह से समझी या पेश की, वो वैसी थी ही नहीं। ऐसा कहा जा रहा है जैसे मैं किसी लड़की को डांट रहा था, जबकि हकीकत उससे बिल्कुल अलग थी। उस वक्त रात के करीब साढ़े दस या ग्यारह बज रहे थे। मैं अपने पिताजी के साथ उसी कमरे में था, जहां अनुष्का भी मौजूद थीं। मैंने पिताजी से पूछा कि उन्होंने खाना खाया है या नहीं, तो उन्होंने कहा नहीं बेटा। मैंने उनसे कहा कि आप खाना खा लीजिए, मैं अभी ला देता हूं। उसी दौरान अनुष्का आई, तो मैंने बस उससे भी पूछा कि बेटा, क्या तुमने खाना खाया है? क्योंकि मैंने सुबह से उसे कुछ खाते हुए नहीं देखा था। मेरा इरादा बस यही था एक सामान्य सा ख्याल रखना। उसे डांटने या नीचे दिखाने जैसा कुछ भी नहीं था। अनुष्का एक बहुत प्यारी और सहयोगी लड़की है। उसने हमेशा मेरी मदद की है, और उस दिन भी बहुत सपोर्टिव रही। हम पहली बार प्रमोशन के दौरान मिले थे, ऐसे में भला मैं उस पर क्यों चिल्लाऊंगा? ये पूरा मामला एक गलत व्याख्या था।'