मुकुल देव के निधन के 24 दिन बाद उनके भाई राहुल देव ने मौत का असली कारण बताया है। गलत खान-पान और जीने की इच्छा खत्म होना बताया गया है मौत की वजह। डिप्रेशन की खबरों को राहुल देव ने सिरे से नकार दिया है।

बॉलीवुड एक्टर मुकुल देव को गुजरे 24 दिन बीत चुके हैं। 23 मई 2025 को 54 साल की उम्र में वे दुनिया को अलविदा कह गए थे। अचानक उनके निधन की खबर सुन लोग उनकी मौत को लेकर तरह-तरह के कयास लगा रहे थे। कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि वे डिप्रेशन से जूझ रहे थे, जो उन्हें मौत की कगार तक ले गया। हालांकि, मुकुल के निधन के 24 दिन बाद उनके बड़े भाई राहुल देव ने ना केवल सभी कयासों पर का खंडन किया है, बल्कि उनकी मौत की असली वजह भी बताई है।

कैसे हुई थी 'सन ऑफ़ सरदार' फेम मुकुल देव की मौत?

राहुल देव की मानें तो उनके भाई मुकुल की मौत की खान-पान की गलत आदतों की वजह से हुई थी। टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बातचीत में राहुल देव ने कहा, "वे साढ़े आठ दिन ICU में रहे। मेडिकल की नज़र से यह खराब पान-पान की आदत का नतीजा था। आखिरी चार-पांच दिन उसने खाना-पीना बिल्कुल बंद कर दिया था। बेशक वह अकेलापन महसूस करता था और उसकी जीने की इच्छा ख़त्म हो चुकी थी। उसने काम के कई ऑफर ठुकरा दिए थे। सभी रस्में पूरी करने के बाद सच्चाई का अहसास हो रहा है और मुझे पता है कि दर्द और गहरा होगा।"

2019 में दिल्ली शिफ्ट हो गए थे मुकुल देव

राहुल देव ने इसी बातचीत में बताया कि 2019 में अपने पिता की देखभाल के लिए मुकुल दिल्ली शिफ्ट हो गए थे, जो उसी साल चल बसे। 2023 में उनकी मां का निधन हो गया। राहुल के मुताबिक़, मुकुल ने लिखने में अपने आप को झोंक दिया और अकेले रहने लगे। उनकी मानें तो मुकुल अपनी बेटी को बहुत ज्यादा याद करते थे। वे खुद की देखभाल नहीं कर पा रहे थे और अकेले रहने से उन्हें कोई मदद नहीं मिली।

मुकुल को डिप्रेशन का शिकार बताने वालों पर भड़के राहुल

राहुल देव ने उन लोगों को भड़ास निकाली, जो यह दावा कर रहे थे कि मुकुल डिप्रेशन से जूझ रहे थे। वे कहते हैं, "जो लोग अब बात कर रहे हैं, वे उसके (मुकुल) संपर्क में भी नहीं थे। वे कहते हैं कि वह अनफिट था, लेकिन वह हाफ मैराथन दौड़ा था। बेशक उसका वजन बढ़ गया था। जब कोई अपनी देखभाल करना बंद कर देता है तो ऐसा होता है। 2019 से 2024 के बीच कौन उसके संपर्क में था? क्या वे उससे मिलने अस्पताल गए थे या उसकी प्रेयर मीट में शामिल हुए?" राहुल की मानें तो मुकुल बेहद चार्मिंग, समझदार और संवेदनशील इंसान थे और वे उन्हें इसी रूप में याद रखना चाहते हैं।