सार

Manoj Kumar Last Rites: भारत कुमार के नाम से फिल्म इंडस्ट्री में फेमस मनोज कुमार का शुक्रवार को निधन हो गया है। वे 87 साल के थे। उनका अंतिम संस्कार 5 अप्रैल को किया जाएगा।

Manoj Kumar Funeral: शुक्रवार का दिन बॉलीवुड इंडस्ट्री के लिए बुरी खबर लेकर आया। फिल्मी दुनिया में भारत कुमार के नाम से फेमस मनोज कुमार (Manoj Kumar) का निधन हो गया है। वे 87 साल के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। बता दें कि उनका मुंबई के कोकिलाबेन धीरूबाई अंबानी अस्पताल में इलाज चल रहा था। इसी बीच मनोज कुमार के अंतिम संस्कार को लेकर अपडेट सामने आया है। उनके बेटे कुणाल गोस्वामी (Kunal Goswami) ने कंफर्म किया कि पिता का अंतिम संस्कार कल यानी 5 अप्रैल को मुंबई में पवन हंस श्मशान घाट पर होगा। रिपोर्ट्स की मानें तो शनिवार को 10 बजे उनका पार्थिव शरीर उनके घर गोस्वामी टॉवर्स पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।

कैसी थी मनोज कुमार की आखिरी वक्त में हालत

मनोज कुमार के बेटे कुणाल गोस्वामी ने पिता के निधन पर बात की और बताया कि आखिरी वक्त में उनकी हालत कैसी थी। कुणाल ने बताया- "मेरे पिता मनोज गोस्वामी का निधन आज सुबह 3.30 बजे कोकिलाबेन अस्पताल में हुआ। वो काफी समय से बीमार थे, लेकिन बड़ी शिद्दत के साथ उन्होंने हर चीज का मुकाबला किया है। शिरडी बाबा की कृपया है कि वो चैन से आराम से इस दुनिया से गए हैं। कल सुबह उनका अंतिम संस्कार होगा।" कुणाल ने बताया कि वे काफी सालों से बीमार चल रहे और दो महीने बाद वो 88 साल के होने वाले थे, लेकिन 87 में उनका निधन हो गया। उन्होंने बताया कि आखिरी वक्त में वे हमसे बातें कर रहे थे, खुश थे लेकिन उम्र की वजह से थोड़ी तकलीफ में थे।

68 साल पहले किया था मनोज कुमार ने डेब्यू

मनोज कुमार का जन्म 1937 को ऐबटाबाद में हुआ था, जो बंटवारे के बाद पाकिस्तान का हिस्सा बना। बंटवारे के बाद मनोज कुमार माता-पिता के साथ भारत आ गए थे। फिर उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की। उन्होंने आर्ट्स में ग्रेजुएशन किया था। कहा जाता है कि वो दिलीप कुमार और अशोक कुमार की फिल्मों को देखकर इतना ज्यादा प्रभावित हुए थे कि उन्होंने खुद हीरो बनने की सोची थी। मनोज कुमार ने 68 साल पहले यानी 1957 में फिल्म फैशन से डेब्यू किया था। इस फिल्म में किसी का ध्यान उनकी तरफ नहीं गया। फिर उन्होंने कुछ फिल्मों में काम किया, लेकिन इससे भी उन्हें खास फायदा नहीं मिला।

कौन सी फिल्म ने बनाया था मनोज कुमार को स्टार

1957 के बाद मनोज कुमार ने सहारा,चांद, हनीमून, कांच की गुड़िया, पिया मिलन की आस, सुहाग सिंदूर, रेशमी रूमाल जैसी फिल्मों में काम किया। हालांकि, इसमें से कुछ ही फिल्में ठीकठाक चल पाई। फिर 1962 में आई फिल्म हरियाली और रास्ता ने मनोज कुमार को सुपरस्टार बना दिया। फिल्म में उनके साथ माला सिन्हा लीड रोल में थी। इसके बाद उन्होंने वो कौन थी, शहीद, हिमालय की गोद में, गुमनाम, दो बदन, पत्थर के सनम, उपकार, नीम कमल, आदमी, साजन, पूरब और पश्चिम, पहचान, शोर, रोटी कपड़ा और मकाम, सन्यासी, दस नंबरी जैसी कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों में काम किया। फिल्मों में उनके योगदान के लिए उन्हें 2019 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया