सार

मधुबाला की बहन मधुर भूषण ने खुलासा किया किशोर कुमार ने उनके लिए इस्लाम कबूल किया था। दिलीप कुमार को भुलाने के लिए किशोर दा के साथ रिश्ता शुरू किया था मधुबाला ने।

भारत की सबसे खूबसूरत हीरोइनों में शुमार रहीं मधुबाला को गुजरे 56 साल हो चुके हैं। 23 फ़रवरी 1969 को 36 साल की उम्र में हार्ट अटैक से उनका निधन हुआ। मधुबाला दिवंगत सिंगर और एक्टर किशोर कुमार की दूसरी पत्नी थीं। 1960 में उनकी शादी हुई थी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि किशोर कुमार ने मधुबाला से शादी करने के लिए इस्लाम कबूल किया था। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि यह दावा दिवंगत एक्ट्रेस की बहन मधुर भूषण ने एक बातचीत के दौरान किया था।

किशोर कुमार के प्यार में कैसे पड़ीं मधुबाला?

मधुर भूषण ने फिल्मफेयर को दिए इंटरव्यू में बताया था कि उनकी बहन मधुबाला के लिए किशोर कुमार रिबाउंड थे। क्योंकि उस वक्त वे अपने एक्स-बॉयफ्रेंड दिलीप कुमार को भूलने की कोशिश कर रही थीं। मधुबाला को किशोर दा की सुरीली आवाज़ और हंसाने की उनकी क्षमता बेहद पसंद आई और इसी के चलते वे उनकी ओर आकर्षित हो गईं।

किशोर कुमार ने बदल लिया था धर्म

मधुर भूषण के मुताबिक़, 1990 में मधुबाला और किशोर कुमार ने शादी कर ली। कहा जाता है कि मधुबाला के पैरेंट्स की खातिर किशोर कुमार ने इस्लाम अपना लिया था और अपना नाम करीम अब्दुल रख लिया था। कपल ने निकाह किया और फिर शादी का ऐलान कर दिया।

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मधु भूषण के मुताबिक़, किशोर कुमार और मधुबाला ने बाद में हिंदू रिवाज़ से भी शादी की। बावजूद इसके किशोर के परिवार ने एक्ट्रेस को अपनाया नहीं। कथिततौर पर शादी के एक महीने बाद ही मधुबाला अपने घर वापस चली गईं, क्योंकि किशोर कुमार के परिवार में टेंशन का माहौल था और इसका असर उनकी मानसिक हालत पर पड़ रहा था।

मधुबाला के पिता नहीं चाहते थे उनकी शादी

मधुर भूषण ने यह भी बताया था कि उनके पिता मधुबाला और किशोर कुमार की शादी के खिलाफ थे। इसकी बड़ी वजह एक्ट्रेस की बीमारी थी।1960 में शादी के कुछ दिन बाद किशोर कुमार और मधुबाला लंदन रवाना हो गए थे। वहां मधुबाला को कुछ हेल्थ इश्यूज हुए और डॉक्टर्स ने कहा कि उन्हें दिल की बीमारी है, जो काफी गंभीर हो गई है। डॉक्टर्स ने यह भी कहा कि वे अब 2 साल से ज्यादा जिंदा नहीं रह पाएंगी।

जब किशोर दा को पता चली चौंकाने वाली बात

बकौल मधुर, "किशोर भैया 10 दिन बाद मधुबाला से मिलने लंदन गए तो डॉक्टर्स ने कहा कि उनका दिल ख़त्म हो चुका है। वे दो साल से ज्यादा नहीं जी पाएंगी।" मधुर के मुताबिक़, जब किशोर कुमार को पता चला कि मधुबाला के दिल में छेद है और वे सिर्फ दो साल जी पाएंगी तो वे उन्हें उनके पिता के घर ले गए, क्योंकि वे शूटिंग में व्यस्त होने की वजह से उनका ख्याल नहीं रख सकते थे। लेकिन जब किशोर कुमार ने उन्हें वहां छोड़ा तो उनकी हालत और बिगड़ गई। मधुर कहती हैं, "किशोर दा ने कहा कि वे बीमार हैं और उन्हें देखभाल की जरूरत है, जबकि वे (किशोर) खुद यात्रा, काम, गानों में व्यस्त थे तो उन्हें समय नहीं दे पा रहे थे। उन्होंने कहा- मैंने लंदन में उनका पूरा ख्याल रखने की कोशिश की। लेकिन डॉक्टर्स का कहना है कि वे बच नहीं पाएंगी। इसमें मेरी क्या गलती है।"

किशोर कुमार का साथ चाहती थीं मधुबाला

मधुर के मुताबिक़, मधुबाला किशोर कुमार का साथ चाहती थीं। वे कहती हैं, "हम यह नहीं कहते कि वे गलत थे। आपा को डॉक्टर्स ने कह दिया था कि तुम सेक्स नहीं कर सकतीं। तुम्हारे बच्चे नहीं हो सकते। लेकिन एक महिला को इमोशनल सपोर्ट की जरूरत होती है। जब आपा ने कहा कि वे उनके (किशोर) साथ रहना चाहती हैं तो उन्होंने कार्टर रोड, क्वार्टर डेक पर एक फ़्लैट खरीदा, जहां वे कुछ दिन साथ रहे। लेकिन ज़्यादातर समय वे अकेली ही रहती थीं। किशोर भैया का फोन अक्सर डिस्कनेक्ट हो जाता था। तीन महीनों में वे उनसे मिलने एक या दो बार ही गए। किशोर उनसे कहते थे, 'अगर मैं आया तो तुम रोओगी, जो तुम्हारे दिल के लिए सही नहीं है। तुम डिप्रेशन में चली जाओगी। तुम्हे आराम की जरूरत है।" 

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मधुर के मुताबिक़, मधुबाला जवान थीं, जलन स्वाभाविक थी, अकेलापन महसूस करने लगी थीं और इसी ने उनकी जान ले ली। उनके मुताबिक़, किशोर संभवतः खुद को मधुबाला से दूर करना चाहते थे, ताकि फाइनल सेपरेशन उन्हें दर्द ना दे। लेकिन उन्होंने कभी मधुबाला के साथ गलत व्यवहार नहीं किया। उन्होंने उनके इलाज का खर्च भी उठाया।

अंतिम वक्त में कैसी थी मधुबाला की हालत

मधुर भूषण के मुताबिक़, बीमारी की वजह से उनके शरीर में एक्स्ट्रा खून बनता था, जो कभी नाक से तो कभी मुंह से बहता रहता था। डॉक्टर्स घर आकर बोतलों से खून निकालते थे। उन्हें फेफड़ों की दिक्कत भी थी। हर 4-5 घंटे में उन्हें ऑक्सीजन दी जाती थी, नहीं तो वे सांस नहीं ले पाती थीं। 9 साल तक वे बेड पर रहीं और उनकी सिर्फ हड्डियां और खाल ही बची थी। वे रोटी थीं और कहती थीं, "मुझे ज़िंदा रहना है। मुझे मरना नहीं है। डॉक्टर्स कब इलाज निकालेंगे।" 22-23 फ़रवरी 1969 की दरमियानी रात मधुबाला को हार्ट अटैक आया और कुछ घंटे बाद उन्होंने अंतिम सांस ली। उस वक्त उनका परिवार और किशोर कुमार उनके साथ ही थे।