सार

करण जौहर ने नेपोटिज्म के आरोपों पर अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि उन्होंने किसी का करियर बर्बाद नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर वो किसी की तारीफ करते हैं तो लोग उन्हें नहीं देखते, लेकिन अगर वो किसी की बुराई करते हैं तो लोग ट्रोल करने लगते हैं।

बॉलीवुड के पॉपुलर फिल्ममेकर करण जौहर पर नेपोटिज्म जैसे कई गंभीर आरोप लग चुके हैं। इस वजह से लोग अक्सर उन्हें ट्रोल करते रहते हैं। वहीं हाल ही में उन्होंने इस बारे में बात की और नेपोटिज्म का ब्रांड एम्बेसडर कहे जाने पर चुप्पी तोड़ी। साथ ही करण ने कहा कि उन्होंने किसी का घर नहीं तोड़ा है।

करण जौहर ने ऐसे किया रिएक्ट

करण जौहर ने कहा, 'यहां, लोग कहते हैं कि मैंने किसी का करियर बर्बाद कर दिया। नहीं, मैंने किसी के साथ ऐसा कुछ नहीं किया। मैंने बस अपना काम किया। यह लोगों के सोचने का तरीका है। कर्म मेरा सबसे बड़ा धर्म है... मुझे लगता है कि मैंने कभी किसी को दुख नहीं पहुंचाना है। मुझे नहीं पता कि सब कब हुआ? मैं हमेशा से एक इनसाइडर रहा हूं... क्योंकि मेरे पिता इंडस्ट्री का हिस्सा थे। अगर मैंने कोई फ्लॉप फिल्म बनाई होती, तो हमें अपना घर बेचना पड़ता।' आपको बता दें करण जौहर के डायरेक्शन में बनी पहली फिल्म कुछ कुछ होता है थी। इस बारे में बात करते हुए करण ने कहा कि मेरे पिता ने अपने बेटे के लिए जोखिम उठाया था।

करण जौहर ने ट्रोलर्स को दिया मुंह तोड़ जवाब

इस दौरान करण ने यह भी कहा कि अगर वो किसी की तारीफ करते हैं, तो लोग उन्हें नहीं देखते हैं, लेकिन अगर वो किसी की बुराई करते हैं, तो लोग उन्हें सबसे पहले ट्रोल करने लगते हैं। आपको बता दें करण जौहर एक पॉपुलर इंडियन फिल्ममेकर के साथ-साथ टीवी होस्ट भी हैं। वो हिंदी सिनेमा (बॉलीवुड) के सबसे सफल और प्रभावशाली व्यक्तित्वों में से एक माने जाते हैं। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से उन्हें नेपोटिज्म का ब्रांड एम्बेसडर कहा जाने लगा था। वहीं वर्कफ्रंट की बात करें तो करण जौहर की आखिरी निर्देशित फिल्म रॉकी और रानी की प्रेम कहानी थी। रणवीर सिंह और आलिया भट्ट-स्टारर रोमांटिक ड्रामा को लोगों ने खूब पसंद किया था।