सार
एंटरटेनमेंट डेस्क. बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत की मच अवेटेड फिल्म 'इमरजेंसी' (Emergency) रिलीज हो गई है। यह फिल्म उस समय को दिखाती है, जब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सख्त और तानाशाही शासन को अपनाया था। साथ ही, यह फिल्म उस दौर में भारतीय लोकतंत्र पर पड़े प्रभाव, राजनीतिक घटनाओं और सत्ता की कठिनाई को भी दर्शाती है। कंगना ने इस फिल्म में न सिर्फ बेहतरीन एक्टिंग की है, बल्कि इसे अपने निर्देशन से और भी खास बना दिया है। ऐसे में आइए जानते हैं फिल्म का रिव्यू..
क्या है फिल्म 'इमरजेंसी' की कहानी?
फिल्म 'इमरजेंसी' की कहानी इंदिरा गांधी के कार्यकाल के महत्वपूर्ण समय, खासकर आपातकाल के 21 महीनों पर आधारित है। उस समय लोगों की स्वतंत्रता को खत्म कर दिया गया था और सरकार ने अपनी शक्तियों का खूब इस्तेमाल किया था। इसके साथ ही इस फिल्म में बांग्लादेश स्वतंत्रता युद्ध, ऑपरेशन ब्लू स्टार, खालिस्तानी आंदोलन की शुरुआत और 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या जैसी घटनाओं को भी दिखाया गया है, लेकिन इमरजेंसी का समय इस कहानी का अहम हिस्सा है। खास बात यह है कि कंगना फिल्म के जरिए प्रधानमंत्री की कमजोरियों को भी उजागर करती हैं।
कैसी है स्टारकास्ट की एक्टिंग
फिल्म 'इमरजेंसी' को कंगना ने बेहतरीन तरीके से डायरेक्ट किया है। वहीं अगर परफॉर्मेंस की बात करें तो फिल्म में और एक्टर्स ने भी अपने-अपने किरदारों को बखूबी तरीके से निभाया है। विषाक नायर ने संजय गांधी और अनुपम खेर ने जयप्रकाश नारायण के किरदार में अपनी परफॉर्मेंस से जान डाल दी है। वहीं महिमा चौधरी ने फिल्म में इंदिरा गांधी की करीबी पूपुल जयकर का रोल निभाया है। उनकी एक्टिंग काफी प्रभावशाली है। मिलिंद सोमन फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के किरदार में दमदार लगे हैं, वहीं सतीश कौशिक ने जगजीवन राम के किरदार को बखूबी निभाया है। यह फिल्म इतिहास के साथ-साथ भावनाओं की भी गहराई में ले जाती है। अगर आपको भारत की राजनीति में रुचि है, तो यह फिल्म आपके लिए मस्ट वॉच है। ऐसे में हम इस फिल्म को 4 स्टार देते हैं।
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