अभिषेक बच्चन की 'कालीधर लापता' OTT पर रिलीज़। अल्ज़ाइमर से पीड़ित कालीधर कुंभ में खो जाता है, और एक बच्चे से उसकी अनोखी दोस्ती हो जाती है। क्या कालीधर अपने घर वापस पहुँच पाएगा?

अभिषेक बच्चन की नई फिल्म 'कालीधर लापता' रिलीज हो गई है। हालांकि, इस फिल्म के लिए आपको बॉक्स ऑफिस पर टिकट नहीं कटाना होगा, बल्कि आपके पास OTT प्लेटफॉर्म जी5 का सब्सक्रिप्शन होना जरूरी है। जी हां, यह फिल्म सीधे डिजिटल प्लेटफॉर्म लाई गई है। मधुमिता सुंदररामन ने इस फिल्म का निर्देशन किया है और अभिषेक बच्चन के साथ दैविक बाघेला और मोहम्मद जीशान अयूब जैसे कलाकारों ने भी इसमें अहम् भूमिका निभाई है। अगर आप भी यह फिल्म देखने का प्लान बना रहे हैं तो पहले जान लीजिए कि आखिर यह फिल्म कैसी है...

क्या है 'कालीधर लापता' की कहानी?

'कालीधर लापता' तमिल फिल्म Karuppu Durai की हिंदी रीमेक है। ओरिजिनल फिल्म का निर्देशन भी मधुमिता सुंदररामन ने ही किया था। अब बात करते हैं फिल्म की कहानी की तो यह फिल्म कालीधर के आसपास घूमती है, जिसका किरदार अभिषेक बच्चन ने निभाया है। कालीधर एक उम्रदराज आदमी है, जिसे अलजाइमर नाम की बीमारी हो गई। घरवाले उसका इलाज कराने की बजाय उसे हरिद्वार के कुंभ मेले में छोड़ आते हैं। कालीधर वहां से भागता है, जिसके जेब में ना पैसा है और ना ही उसके साथ कोई अपना। बीच रास्ते में मुलाक़ात अनाथ बच्चे बल्लू (दैविक बाघेला) से होती है। कालीधर और बल्लू के बीच धीरे-धीरे भावनात्मक रिश्ता बन जाता है। कालीधर को उसके घरवालों ने कुंभ में क्यों छोड़ा? क्या वह वापस घर पहुंच पाएगा? बल्लू के साथ उसकी दोस्ती क्या मोड़ जाती है? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी...

'कालीधर लापता' में स्टार कास्ट की एक्टिंग?

अभिषेक बच्चन ने कालीधर के रोल के साथ पूरा न्याय किया है। अगर यह कहा जाए कि यह उनका अब तक का सबसे अच्छा परफॉर्मेंस है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। बल्लू के रोल में दैविक बाघेला बखूबी जमे हैं। उनकी बातें और अदाकारी चेहरे पर हंसी लेती हैं। निमरत कौर ने 'दसवीं' के बाद एक बार फिर अभिषेक बच्चन के साथ स्क्रीन शेयर की है। लेकिन उनका स्पेशल अपीयरेंस है। वे कालीधर की प्रेमिका मीरा के रोल में थोड़े समय के लिए दिखीं, लेकिन अपनी छाप छोड़ गईं। मोहम्मद जीशान अयूब सुबोध के रोल है, जो कुंभ के खोया-पाया विभाग में काम करता है और लापता कालीधर को तलाशता है। उन्होंने अपने हिस्से का काम बखूबी किया है।

'कालीधर लापता' में मधुमिता सुंदररामन का डायरेक्शन कैसा है?

मधुमिता सुंदररामन ने बढ़िया निर्देशन किया है। हालांकि, ओरिजिनल फिल्म के मुकाबले यह थोड़ी फीकी लगती है। लेकिन कहीं बोर नहीं करती। उनका स्क्रीनप्ले कुछ कमज़ोर है। लेकिन इसमें कई दिल को छूने वाले सीन और संवाद हैं। एक सीन में जब डॉक्टर कालीधर के बारे में पूछता है, "क्या लगते हैं तुम्हारे?" और बल्लू जवाब देता है, "सबकुछ।" यह सीन वाकई आपको दिल को पिघला देगा। फिर एक सीन है, जहां बल्लू कहता है, "हर रिश्ते की एक्सपायरी डेट होती है। इसलिए खुद के लिए जिएं। वो करें, जो आपका मन करे।" उसका यह डायलॉग जिंदगी की हकीकत को खोलकर रख देता है और इसे अलग नज़रिए से देखने की प्रेरणा देता है।