सार

जावेद अख्तर ने बताया कि उन्हें अपने बेटे फरहान अख्तर से मिलने के लिए 5 दिन पहले अपॉइंटमेंट लेना पड़ता है। उन्होंने जॉइंट फैमिली सिस्टम के फायदे और नुकसान पर भी बात की।

एंटरटेनमेंट डेस्क. दिग्गज गीतकार, स्क्रिप्ट राइटर और कवि जावेद अक्खतर की मानें तो अगर कभी उन्हें अपने बेटे फरहान अख्तर से मिलना होता है तो उनसे 5 दिन पहले अप्वॉइंटमेंट लेना पड़ता है। दरअसल, जावेद अख्तर का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे जॉइंट फैमिली सिस्टम के बारे में बात कर रहे थे। उनसे पूछा गया था कि जॉइंट फैमिली सिस्टम के क्या फायदे और नुकसान हैं? उन्होंने जवाब दिया, “वही किस्सा कि जिंदगी अगर आपको अच्छा और बुरा देती होती तो मसला ही ना होता। आप फ़ौरन अच्छा ले लेते और बुरा छोड़ देते। लेकिन जिंदगी आपको पैकेज ऑफर करती है। हर पैकेज में कुछ अच्छा है, कुछ बुरा है। आप सोचते रहिए कि कौनसा अच्छा है? वो सिलेक्ट करना पड़ता है। हम कुछ सिलेक्ट कर लेते हैं। उससे अच्छा वो लगने लगता है, जो हमने छोड़ दिया होता है।”

जावेद अख्तर बोले-रिश्तेदार दूर के ही सुहाने लगते हैं

जावेद अख्तर ने आगे कहा कि जॉइंट फैमिली के कुछ फायदे हैं और कुछ नुकसान भी हैं। वे कहते हैं, “ढोल और रिश्तेदारों में एक ही चीज़ कॉमन है कि दूर के ढोल सुहावने होते हैं। रिश्तेदार भी दूर के ही सुहाने होते हैं। देखिए मेरी तो बहुत छोटी सी फैमिली है। एक बेटी है, एक बेटा है। और एक मैं और शबाना हैं। सिर्फ मैं और शबाना साथ में रह रहे हैं। बाकी बेटी का घर अलग है, बेटे का घर अलग है। हम लोग बचपन में स्कूल के दिनों में बात करते थे कि अरे भाई अमेरिका और इंग्लैंड में तो सब अलग है। वहां तो रिश्तेदार भी एक-दूसरे को फोन करके पूछते हैं। ऐसे ही थोड़ी चले जाते हैं किसी से मिलने तो बाकी लोग हैरत करते थे। अब हम वो जिंदगी जी रहे हैं और बिल्कुल ठीक लग रही है।”

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बेटे फरहान से मिलने 5 दिन पहले लेना पड़ता है अप्वॉइंटमेंट!

बकौल जावेद, "मुझे यहां कई लोग पूछे पिछले 24 घंटे में कि 'फरहान को आप नहीं लाए?' अरे वो बेकार बैठा हुआ है क्या? उससे मिलने के लिए मुझे फोन करना पड़ता है। या वो मुझे फोन करता है कि कब मिल सकते हैं? तो हम लोगों का तो 3 दिन, 4 दिन, 5 दिन का अप्वॉइंटमेंट फिक्स होता है। तो ये तो होगा ही, जिंदगी है। और यह भी ठीक है।" जावेद अख्तर ने कहा कि यह सीखने वाली बात है। उन्होंने जानवरों और पक्षियों का उदाहरण दिया और कहा कि जब तक उनके बच्चे छोटे रहते हैं, तब तक वे उनके लिए जान देने को तैयार रहते हैं। लेकिन जब वे बच्चे बड़े हो जाते हैं तो वे उन्हें अपने हाल पर छोड़ देते हैं। जावेद कहते हैं, "ये हम ही हैं, जो बच्चा भले ही 40 साल का हो जाए, उसे बताते हैं कि क्या सही है क्या गलत है।" 

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बता दें कि फरहान अख्तर और जोया अख्तर जावेद अख्तर और उनकी पहली पत्नी हनी ईरानी के बच्चे हैं, जबकि उनकी और शबाना आजमी की कोई संतान नहीं है।