Sunny Deol से भयंकर धर्मेंद्र के 10 डायलॉग, थिएटर में गूंजी सीटियां
धर्मेंद्र के दमदार डायलॉग्स ने हमेशा दर्शकों को प्रभावित किया है। 'धरम वीर' से लेकर 'अपने' तक, उनके संवाद आज भी याद किए जाते हैं। यहां उनके 10 सबसे यादगार डायलॉग्स हैं।
- FB
- TW
- Linkdin
)
सनी देओल की जाट थिएटर में बढ़िया परफॉरमेंस दे रही है। इसके डायलॉग पर दर्शक खूब ताली पीट रहे हैं। वहीं धर्मेंद्र भी अपनी संवाद अदायगी से दर्शकों का प्यार लूट चुके हैं। यहां हम वेटरन एक्टर के 10 सबसे धांसू डायलॉग की जानकारी आपको दे रहे है।
धरम वीर ( 1977 )
"अगर तकदीर में मौत लिखी है तो कोई बचा नहीं सकता। अगर जिंदगी लिखी है तो कोई माई का लाल मार नहीं सकता।"
चुपके चुपके ( 1975 )
"अगर TO 'टू'' होता है तो GO 'गु' क्यों नहीं होता?"
शोले
“बसंती इन कुत्तों के सामने मत नाचना।”
यादों की बारात (1973 )
“कुत्ते कमीने, मैं तेरा खून पी जाऊंगा।”
अनुपमा
"उमा जी शायद आपने खुद को कभी जल्दबाजी में नहीं देखा। कभी चुपके से आने के बाद देखिए और देखिए ये हंसी कितनी खूबसूरत है।"
यमला पगला दीवाना ( 2011 )
“ओए इलाका कुत्तों का होता है, शेर का नहीं।”
फूल और पत्थर
"ये दुनिया बहुत बुरी है शांति। जो कुछ देती है बुरा बनने के बाद देती है।"
जीने नहीं दूंगा ( 1984 )
ये तो रहा था अमन के बादलों को अपना तकिया बनाकर इसे जगाया भी तुमने और उठाया भी तुमने।
गुलामी ( 1985 )
“कभी ज़मीन से बात की है ठाकुर, ये जमीन हमारी मां है।”
"अपने" ( 2007 )
"पहले एक हिंदुस्तानी को समझ लो। हिंदी अपने आप आ जाएगी।"