असरानी के 7 मोस्ट फेमस डायलॉग्स, जिन्हें सुनते हो जाएंगे हंस-हंसकर लोटपोट
फेमस एक्टर, कॉमेडियन और डायरेक्टर असरानी का 84 की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने मुंबई के एक अस्पताल में इलाज के दौरान दिवाली के दिन यानी 20 अक्टूबर को आखिरी सांस ली। 350 फिल्मों में काम करने वाली असरानी के कुछ फेमस डायलॉग्स आपको बता रहे हैं।

फिल्म शोले
आधे इधर जाओ, आधे इधर जाओ, और बाकी हमारे साथ आओ। (फिल्म शोले 1975 में रिलीज हुई थी और इसके डायरेक्टर रमेश सिप्पी थे।)
फिल्म घरवाली बाहरवाली
गुजरता हुआ वक्त बड़े से बड़े मसले को सुलझाता है। (फिल्म घरवाली बाहरवाली 1998 में आई थी। इस फिल्म को डेविड धवन ने डायरेक्ट किया था।)
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फिल्म एक दूजे के लिए
वो तो ऐसे चिपक गए हैं..अगर सेंसर देख ले तो कैंची चला दे। ( फिल्म एक दूजे के लिए 1981 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म के डायरेक्टर के बालाचंदर थे।)
फिल्म बोल बच्चन
अच्छे वक्त की कड़वाहट...बुरे वक्त के बाद ही होती है। (फिल्म बोल बच्चन 2012 में रिलीज हुई थी। इस मूवी के डायरेक्टर रोहित शेट्टी थी।)
फिल्म मालामाल वीकली
हाथी चले बाजार, कुत्ते भौंके हजार। ( डायरेक्टर प्रियदर्शन की फिल्म मालामाल वीकली 2006 में रिलीज हुई थी।)
फिल्म दोस्त
पति पत्नी की नाराजगी गर्मी की बरसात की तरह होती है... जो हमेशा नहीं रहती। (फिल्म दोस्त 1989 में रिलीज हुई थी। इस मूवी के डायरेक्टर के मुरलीमोहन राव थे।)
फिल्म हीरा लाल पन्ना लाल
शेयर बाजार में लुटे हुए व्यापारी की तरह रोइए...मगर रोइए, प्लीज रोइए। (फिल्म हीरा लाल पन्ना लाल 1999 में रिलीज हुई थी। इसके डायरेक्टर केवल शर्मा थे।)
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