सार

धर्मेंद्र के बेटे ने बताया कि उन्हें काम ना मिलने के दौर में लोगों से काम मांगना पड़ा। उन्होंने कहा कि हताशा के दौर से हर कलाकार गुजरता है, लेकिन उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। देओल खानदान के चिराग ने बताया कि उन्होंने खुद जाकर लोगों से काम मांगा।

Bobby Deol Struggle.बॉबी देओल की वेब सीरीज 'एक बदनाम आश्रम'  का तीसरा सीजन (Ek Badnaam Ashram Season 3)  हाल ही में रिलीज हुआ। वे इन दिनों इस शो के प्रमोशन में व्यस्त हैं और अलग-अलग इंटरव्यूज में पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ से जुड़े खुलासे कर रहे हैं। सुपरस्टार धर्मेन्द्र के छोटे बेटे और सनी देओल के छोटे भाई बॉबी देओल ने एक हालिया बातचीत में बताया कि उनकी जिंदगी में एक ऐसा वक्त आया था, जब उन्हें लोगों के दरवाजे-दरवाजे जाकर काम की गुहार लगानी पड़ी थी।

बॉबी देओल ने बताया हताशा का सामना कैसे करें

बॉबी देओल से इंडिया टुडे के एक इंटरव्यू के दौरान जब पूछा गया कि हताशा के दौर में क्या उन्हें कुछ कड़े फैसले लेने पड़े थे? तो उन्होंने कहा, "मेरा मतलब जाहिरतौर पर हताशा से है। लेकिन मुझे लगता है कि ये हर एक्टर की जर्नी का हिस्सा होते हैं, सिर्फ मेरी ही नहीं। मुझे लगता है कि हर एक्टर जर्नी से गुजरता है और यह इस पेशे का अभिन्न हिस्सा है। क्योंकि कुछ भी हमेशा के लिए नहीं रहता। लेकिन किसी को भी कभी भी उम्मीद और कोशिश नहीं छोड़नी चाहिए। मैं सभी को हमेशा इस बात के लिए एनकरेज करता हूं कि उन्हें भी हमेशा अनुशासन में रहने और काम का सम्मान करने की ज़रुरत होती है। फोकस्ड और प्रस्तुत रहें।"

बॉबी देओल बोले- बैठे-बैठे सब नहीं मिल जाता

बॉबी देओल ने इसी बातचीत में आगे कहा कि वे मेनिफेस्टेशन में यकीन और अपने लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत करते हैं। वे कहते हैं, "ऐसा नहीं है कि बैठे-बैठे सब मिल जाएगा। कड़ी मेहनत करने की जरूरत होती है। कड़ी मेहनत से आप दूर से दूर मौजूद लक्ष्य के भी करीब पहुंच जाएंगे। हताशा निगेटिविटी लाती है, लेकिन आप इससे गुजरते हुए बाहर आ जाते हैं। इससे बाहर निकलने में कोई आपकी मदद नहीं करने वाला, जब आपको यह एहसास होता है तो जर्नी आसान हो जाती है।"

बॉबी देओल बुरे दौर में निर्माताओं से काम मांगते थे

जब बॉबी देओल से पूछा गया कि क्या कभी देओल सरनेम उनके लिए रोढ़ा बन गया था? जवाब में उन्होंने कहा, "पहले ज़माना अलग था। जब शुरुआत की थी तो ऐसा नहीं था। पहले लोग खुद आते थे। फिर एक्टर्स की जनसंख्या बढ़ गई। दुख की बात यह है कि हम भूल जाते हैं कि इतने सारे लोग आ रहे हैं और आते रहेंगे।" बॉबी ने आगे कहा कि उन्होंने कभी काम मांगने में झिझक महसूस नहीं की। वे कहते हैं, "हालांकि, मैंने भी यह किया है। जब मैं बुरे दौर में था, मैंने लोगों के दरवाजे खटखटाए हैं और बोला है कि मैं बॉबी देओल हूं और मुझे काम दे दीजिए।" 

वे आगे कहते हैं, "मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई बुराई है। क्योंकि आपको काम की जरूरत है। कम से कम वे यह याद तो रखेंगे कि बॉबी देओल आया था मिलने के लिए। कभी-कभी यह काम भी आ जाता है। इसलिए इसमें शर्म की कोई बात नहीं है।"