अमिताभ बच्चन ने मैनचेस्टर टेस्ट में स्टोक्स के ड्रॉ प्रपोजल पर टीम इंडिया के रुख की तारीफ की है। जडेजा-सुंदर के शतक के करीब होने से भारत ने खेल जारी रखा था। बिग बी का ट्वीट वायरल हो रहा है। वहीं उन्होंने 50 साल पुरानी शोले फिल्म की टिकट दिखाई है।

Amitabh Bachchan Reacts Manchester Test: बिग बी ने अपनी फिल्म ‘शोले’ की 50 साल पुरानी मूवी टिकट की फोटो दिखाई है। उन्होंने इसकी कीमत को वर्तमान कोल्ड ड्रिंक की कीमत से कम्पेयर किया है। इस पर आपको जानकारी देंगे, लेकिन इससे पहले बिग बी के उस ट्वीट के बारे में आपको बता रहे हैं, जो उन्होंने इंग्लैंड टीम पर तंज कसते हुए किया है।

अमिताभ बच्चन ने इंग्लिश टीम पर कसा तंज

मैनचेस्टर टेस्ट जो ड्रॉ की ओर बढ़ता दिख रहा था, उस समय एक अप्रत्याशित मोड़ ले लिया जब इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स भारतीय बल्लेबाजों के पास आए और अंतिम घंटा शुरू होने से पहले मैच खत्म करने के लिए हाथ मिलाने की पेशकश की। हालांकि, टीम इंडिया ने इस प्रपोजल को रिफ्यूज कर दिया और बल्लेबाजी जारी रखने का फैसला किया।

दिग्गज बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन ने मैनचेस्टर टेस्ट के दौरान इस नाटकीय पल पर अपना रिएकशन दिया है। सोमवार (28 जुलाई) को, बिग बी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट पर रिएक्ट, जिसमें लिखा था, "बेन स्टोक्स ने ड्रॉ का प्रस्ताव दिया...- भारत ने इनकार किया और बल्लेबाजी जारी रखी - इस पर आपकी क्या राय है?"

बिग बी ने अपने ख़ास मज़ाकिया अंदाज़ में जवाब देते हुए लिखा, "ले!?? अरे गोरे को टिका दिया रे।" मज़ाक और व्यंग्य से भरपूर यह पोस्ट तेज़ी से वायरल हो गया और फैंस ने बिग बी के इस चुटीले अंदाज़ की सराहना की।

 

 

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दरअसल रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर दोनों ही शतक के करीब थे। ऐसे में स्टोक्स नहीं चाह रहे थे कि ये दोनों अपनी सेंचुरी बना पाएं। यह घटना टेस्ट मैच के पांचवे और अंतिम दिन लगभग 15 ओवर शेष रहते हुए हुई, जब भारत ड्रॉ बचाने और सीरीज़ को ज़िंदा रखने के इरादे से मैदान पर उतरा था।

अमिताभ ने शोले फिल्म की टिकट दिखाई

जैसा की खबर की शुरुआत में हमने आपको बताया था कि अमिताभ बच्चन ने अपनी शोले की टिकट की तस्वीर भी दिखाई है। इसके साथ उन्होंने मीडियाकर्मियों को जानकारी देते हुए कहा कि, "मुझे बताया गया है कि आजकल थिएटर हॉल में एक एरेटेड ड्रिंक की कीमत इतनी ही है... क्या यह सच है?? कहने को तो बहुत कुछ है, पर कहने की जरूरत नहीं... स्नेह और प्यार. यह उस समय का सन्नाटा ही है जब जागरण होता है... रहस्यमय है न... देर रात के लिए जागरण आदर्श है.. इस पर कई सिद्धांत मौजूद हैं और दो प्रमुख हैं. आप जो लिखते हैं उसे सुनने की क्षमता और शोर की उपस्थिति में एकांत... प्रतीत होता है कि अप्रमाणित राय या अभिव्यक्ति, लेकिन अजीब तरह से कोलाहल के बीच रचनात्मक या सोचने वाला मन, उत्कृष्टता प्राप्त करता है. कभी-कभी सबसे अच्छा".