Stabbing case against filmmaker Manish Gupta: 'द स्टोनमैन मर्डर्स' और '420 IPC' जैसी फ़िल्में बना चुके डायरेक्टर मनीष गुप्ता के खिलाफ चाकूबाजी का मामला दर्ज हुआ है। उन पर अपने ड्राइवर को चाकू मारने का आरोप है। मामला सैलरी विवाद से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। मुंबई की वर्सोवा पुलिस ने गुप्ता के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक़, यह घटना 5 जून की है और 6 जून को पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 118 (1) (खतरनाक हथियारों से चोट या गंभीर चोट पहुंचाना), 115 (2) और 115 (चोट पहुंचाना), और 352 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) के तहत मनीष गुप्ता के खिलाफ केस दर्ज किया।

डायरेक्टर मनीष गुप्ता नहीं दे रहे थे ड्राइवर की सैलरी!

FIR के मुताबिक़, डी एन नगर, अंधेरी वेस्ट में रहने वाले 38 साल के मोहम्मद लश्कर तीन साल से मनीष गुप्ता के यहां ड्राइवर थे। उन्हें 23 हजार रुपए की मासिक सैलरी दी जा रही थी। FIR में यह भी लिखा है कि मनीष गुप्ता ने कभी भी ड्राइवर को सैलरी समय पर नहीं दी। इसी की वजह से दोनों के बीच अक्सर झगड़े होते थे। 30 मई को लश्कर को पिछले महीने की सैलरी मिलनी थी। लेकिन गुप्ता ने वह नहीं दी। 3 जून को मोहम्मद लश्कर ने मनीष गुप्ता को फोन किया और सैलरी की मांग की। इस पर उन्होंने कहा कि जब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे, उन्हें सैलरी नहीं दी जाएगी। अगले दिन लश्कर काम पर लौटे। लेकिन गुप्ता ने उन्हें सैलरी नहीं दी।

किचन चाकू से मनीष गुप्ता ने ड्राइवर पर हमला किया 

5 जून की रात तकरीबन 8:30 बजे लश्कर मनीष गुप्ता के साथ वर्सोवा स्थित उनके ऑफिस में थे। इसी दौरान उन्होंने एक बार फिर उनसे सैलरी की मांग की। लेकिन कथिततौर पर गुप्ता ने उनके साथ गाली-गलौज शुरू कर दी और कहा कि वे उन्हें सैलरी नहीं देंगे। लश्कर ने जब अपनी आवाज़ उठाई तो कथिततौर पर मनीष गुप्ता ने उन पर किचन चाकू से हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि गुप्ता ने लश्कर के शरीर के दाएं हिस्से में चाकू से वार किया। इसके बाद लश्कर बाहर आए और वॉचमैन को घटना के बारे में बताया। वॉचमैन और लश्कर तुरंत ही ऑटो पकड़कर कूपर हॉस्पिटल पहुंचे। मरहम पट्टी के बाद लश्कर ने गुप्ता के खिलाफ पुलिस में शिकायत की, जिसके आधार पर FIR दर्ज की गई।

कौन हैं मनीष गुप्ता

50 साल के मनीष गुप्ता बॉलीवुड के डायरेक्टर और स्क्रिप्ट राइटर हैं। उन्होंने अमिताभ बच्चन स्टारर 'सरकार' से बतौर स्क्रीन राइटर इंडस्ट्री में कदम रखा था। 2006 में रिलीज हुई 'डरना ज़रूरी है' उनकी बतौर डायरेक्टर पहली फिल्म थी। वे 'द स्टोनमैन मर्डर्स', 'रहस्य' और 'वन फ्राइडे नाइट' जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं।