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वो स्टार, जो 45 से ज्यादा भोजपुरी और 19+ साउथ इंडियन फिल्मों में कर चुका काम
बिहार की सांस्कृतिक धरती से जन्मे पंकज केसरी ने भारतीय सिनेमा में अपनी कड़ी मेहनत, बहुमुखी प्रतिभा और अपार समर्पण के बल पर वो मुकाम हासिल किया है, जिसकी ख्वाहिश हर युवा कलाकार करता है।
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पटना के रंगमंच से शुरुआत कर मुंबई की व्यावसायिक दुनिया में जगह बनाना, और फिर भोजपुरी, तेलुगु, तमिल से लेकर हिंदी सिनेमा व डिजिटल प्लेटफॉर्म तक अपनी छाप छोड़ना पंकज केसरी की यात्रा हर कलाकार के लिए प्रेरणास्रोत है।
पंकज केसरी ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत पटना के नाट्य मंच से की, जहां उन्होंने अभिनय की बुनियादी समझ और मंचीय अनुशासन को आत्मसात किया। इसके बाद उन्होंने मुंबई के थिएटर में खुद को तराशा और एक प्रसिद्ध म्यूजिक टीवी चैनल में दो वर्षों तक एंकरिंग करते हुए संवाद कौशल और स्क्रीन प्रजेंस में महारत हासिल की।
पंकज केसरी अब तक 45 से अधिक भोजपुरी फिल्मों में लीड रोल निभा चुके हैं। उनकी प्रमुख फिल्मों में शामिल हैं, जिसमें ‘बकलोल दुल्हा’, ‘परिवार’, ‘विधाता’, ‘प्रतिज्ञा’, ‘रंग दे बसंती चोला’, ‘खून भरी मांग’, ‘मोरा बलमा छैल छबीला’, ‘वह खिलाड़ी वह’, और ‘तेज़ाब’ प्रमुख हैं। इन फिल्मों में उन्होंने अपनी अभिनय क्षमता और संवाद अदायगी से दर्शकों का दिल जीत लिया।
पंकज ने तेलुगु और तमिल सिनेमा में भी उल्लेखनीय योगदान दिया है। उनकी 19 साउथ इंडियन फिल्में रिलीज हो चुकी हैं, और 5 बड़ी फिल्में निर्माणाधीन हैं, जिनमें सबसे चर्चित फिल्म है 'उस्ताद भगत सिंह', जिसमें वे सुपरस्टार पवन कल्याण के साथ स्क्रीन साझा कर रहे हैं।
उनकी चर्चित दक्षिण भारतीय फिल्मों में शामिल हैं: ‘कालीचरण’, ‘बम भोलेनाथ’, ‘मोस गडली की मोसगाऱू’, ‘व्हेयर इज़ वेंकट लक्ष्मी’, ‘व्हेयर इज़ विद्या बालन’, ‘राना रंगम’, ‘अरपु रोड लो’, ‘शिवम’, ‘गडला गोंडा गणेश’, और ‘मि. बच्चन’ (रवि तेजा के साथ)।
अब पंकज केसरी हिंदी सिनेमा और डिजिटल दुनिया में भी अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं। उनकी एक हिंदी फीचर फिल्म और एक वेब सीरीज फिलहाल निर्माणाधीन है, जो उनके अभिनय के नए दौर की शुरुआत मानी जा रही है।
पंकज केसरी की यात्रा यह सिद्ध करती है कि सपनों की उड़ान को पंख मेहनत देती है। सीमित संसाधनों और क्षेत्रीय बाधाओं के बावजूद, उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर खुद को स्थापित किया। उनकी कहानी उन लाखों युवाओं को प्रेरणा देती है, जो छोटे शहरों से निकलकर बड़ा सपना देखते हैं। पंकज केसरी न केवल एक अभिनेता, बल्कि युवा पीढ़ी के लिए उम्मीद और हौसले का नाम बन चुके हैं।