सार
युवराज ने इस साल जून में संन्यास की घोषणा करते हुए खुलासा किया कि बीसीसीआई ने उन्हें यो-यो टेस्ट में विफल होने की हालत में विदाई मैच का वादा किया था। लेकिन वह इस परीक्षण को पास करने में सफल रहे जिससे उन्हें यह विदाई मैच नहीं मिला।
नई दिल्ली: पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह ने सौरव गांगुली को भारतीय कप्तान से बीसीसीआई अध्यक्ष पद तक का सफर तय करने के लिए बधाई दी और मजाक में कहा कि उनके लिए अच्छा होता अगर वह तब बोर्ड की कमान संभालते जब यो-यो टेस्ट की काफी मांग थी। युवराज ने इस साल जून में संन्यास की घोषणा करते हुए खुलासा किया कि बीसीसीआई ने उन्हें यो-यो टेस्ट में विफल होने की हालत में विदाई मैच का वादा किया था लेकिन वह इस परीक्षण को पास करने में सफल रहे जिससे उन्हें यह विदाई मैच नहीं मिला।
युवराज ने ट्वीट किया, ‘‘जितना महान व्यक्ति, उतना ही शानदार सफर। भारतीय कप्तान से बीसीसीआई अध्यक्ष पद तक। मुझे लगता है कि एक क्रिकेटर का प्रशासक बनना शानदार होगा जिससे अन्य को भी खिलाड़ियों के हिसाब से प्रबंधन समझने का मौका मिलेगा। काश आप तब अध्यक्ष होते जब यो-यो टेस्ट की मांग थी। गुडलक दादा। ’’
क्या होता है 'यो-यो टेस्ट'
यो-यो बीप टेस्ट एक तरह से रनिंग एरोबिक फिटनेस रूटीन है जिसे भारतीय क्रिकेटरों को करना पड़ता है। पहले चयन के लिए इसे पास करना अनिवार्य नहीं था । यो-यो एक खिलाड़ी के धीरज और खुद को गति देने की क्षमता की जांच करता है। इसी टेस्ट में फेल होने के बाद जुलाई में अंबाती रायडू इंग्लैंड दौरे के लिए एक दिवसीय टीम से बाहर हो गए थे। इसमें एक बार बीप बजने के बाद, एथलीट को दूसरी बीप की आवाज सुनाई देने के समय तक दूसरी ओर मार्कर तक पहुंचना होता है और वापस मुड़ कर तीसरे बीप से पहले शुरू होने वाले स्थान पर वापस आना होता है