सार

आईएएस अफसर प्रमोशन के बाद कैबिनेट सचिव पद तक की रैंक हासिल कर सकता है। इस रैंक पर अफसर को सबसे अधिक सैलरी मिलती है। IAS Officer जिला कलेक्टर से लेकर विभिन्न मंत्रालयों और प्रशासनिक विभागों में तैनात किए जाते हैं। 

करियर डेस्क। आईएएस यानी इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस में जाने का मौका उन्हीं को मिलता है, जिन्होंने संघ लोक सेवा आयोग यानी यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) में टॉप रैंक हासिल की हुई होती है। यह बात कम लोग ही जानते हैं कि एक डिस्ट्रिक मैजिस्ट्रेट को या किसी अन्य पद पर तैनात आईएएस अफसर को कितनी सैलरी और कौन-कौन से भत्ते मिलते हैं। साथ ही, आइएएस में रैंक के हिसाब से अफसरों को सुविधाएं भी अलग-अलग दी जाती हैं। 

दरअसल, भारतीय प्रशासनिक सेवा के जरिए देश में ब्यूरोक्रेसी सिस्टम में आईएएस अफसर को काम करने का मौका मिलता है। आईएएस अफसर जिला कलेक्टर से लेकर विभिन्न मंत्रालयों और प्रशासनिक विभागों में तैनात किए जाते हैं। कुछ बड़े सरकारी प्रोजेक्ट को लीड करने का जिम्मा भी अच्छे रिकॉर्ड वाले योग्य आईएएस अफसर को दिा जाता है। हालांकि, भारतीय प्रशासनिक सेवा में भी एक पद ऐसा होता है जो सबसे ऊंचा माना जाता है और इस पद पर तैनात आईएएस अफसर की सैलरी सबसे अधिक होती है। साथ ही, उसे बाकी सभी अफसरों से ज्यादा सुविधाएं मिलती हैं। 

बेसिक सैलरी के अलावा, करीब उतना ही टीए-डीए-एचआरए और दूसरी सुविधाएं भी 
एक आईएएस अफसर को सातवें वेतन आयोग के मुताबिक बेसिक वेतन 56 हजार 100 रुपए मिलता है। इसके अतिरिक्त आईएएस अफसर को टीए यानी ट्रेवेलिंग अलाउंस, डीए यानी डेली अलाउंस और घर के लिए एचआरए समेत कई और भत्ते दिए जाते हैं। ये सभी भत्ते यानी अलाउंस मिलकर आईएएस अफसर की सैलरी हर महीने करीब एक लाख तक पहुंचा देते हैं। इसके बाद एक आईएएस अफसर प्रमोशन के बाद कैबिनेट सचिव पद तक की रैंक हासिल कर सकता है। इस रैंक पर अफसर को सबसे अधिक सैलरी मिलती है। कैबिनेट सचिव बनने के बाद बेसिक वेतन करीब ढाई लाख तक हो जाता है, जबकि अन्य भत्ते और सुविधाएं मिलकर यह करीब एक लाख और बढ़ जाती है। 

नौकरी के साल और रैंक के आधार पर जानिए कितनी होती है बेसिक सैलरी 
आइएएस अफसर बनने के बाद शुरुआती चार साल जिसमें पद का नाम एसडीएम, अंडर सेक्रेटरी और असिस्टेंट सेक्रेटरी का हो सकता है, में बेसिक वेतन 56 हजार 100 रुपए तक होता है। वहीं, सर्विस के पांच से आठ साल में एडीएम, डिप्टी सेक्रेटरी, अंडर सेक्रेटरी रैंक मिलती है,  जिसमें बेसिक सैलरी 67 हजार 700 रुपए होती है। वहीं, डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट, ज्वाइंट सेक्रेटरी या डिप्टी सेक्रेटरी की रैंक 9 से 12 साल में मिलती है और तब बेसिक सैलरी 78 हजार 800 रुपए होता है। इसके अलावा, डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट, डिप्टी सेक्रेटरी, डायरेक्टर रैंक 13 से 16 साल में हासिल होती है और इस समय एक लाख 18 हजार 500 रुपए बेसिक सैलरी होती है। डिविजनल कमिश्नर, सेक्रेटरी/कमिश्नर, ज्वाइंट सेक्रेटरी की रैंक सर्विस के 16 से 24 साल की होती है। इस समय बेसिक वेतन 1 लाख 44 हजार 200 रुपए होती है। वहीं, डिविजनल कमिश्नर, प्रिंसिपल सेक्रेटरी, एडिशनल सेक्रेटरी सर्विस के 25 से 30 में होती है और तब बेसिक सैलरी 1 लाख 82 हजार 200 रुपए मिलती है। एडिशनल चीफ सेक्रेटरी रैंक 30 से 33 साल में आती है और तब बेसिक सैलरी दो लाख पांच हजार चार सौ रुपए होती है। चीफ सेक्रेटरी और सेक्रेटरी रैंक सर्विस के 34 से 36 साल में होती है और इस समय बेसिक वेतन दो लाख 23 हजार रुपए होता है। वहीं, कैबिनेट सेक्रेटरी रैंक सर्विस के 37 साल या इससे अधिक के वर्किंग पीरियड में आती है। इस समय बेसिक वेतन ढाई लाख रुपए होता है। ये सिर्फ बेसिक सैलरी है। इनमें टीए, डीए, एचआरए और दूसरे भत्ते व सुविधाएं और जोड़ी जाती हैं। 

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