सार
अनमोलम सुझाव देते हुए कहते हैं कि यूपीएससी का सम्मान करना चाहिए। इसमें मेहनत है। पर इसको बहुत ज्यादा ग्लैमराइज नहीं करना चाहिए। Asianetnews Hindi संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी (Success Journey) पर एक सीरीज चला रहा है।
करियर डेस्क. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा में देश भर के लाखों युवा अपना भाग्य आजमाते हैं। अक्सर प्रीलिम्स या मेंस परीक्षा के बाद न चयनित हो सके स्टूडेंड के सुसाइड की खबरें आती हैं। यूपीएससी 2020 में 103वीं रैंक हासिल करने वाले अनमोलम ऐसी घटनाओं पर दुख जताते हुए कहते हैं कि यूपीएससी का सम्मान करना चाहिए पर इसको बहुत ज्यादा ग्लैमराइज नहीं करना चाहिए। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) के नतीजे 24 सितंबर, 2021 को जारी किए गए। फाइनल रिजल्ट (Final Result) में कुल 761 कैंडिडेट्स को चुना गया। Asianetnews Hindi संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी (Success Journey) पर एक सीरीज चला रहा है। इसी कड़ी में हमने अनमोलम से बातचीत की। आइए जानते हैं उन्होंने क्या टिप्स दिए।
यूपीएससी को बहुत ज्यादा ग्लैमराइज करने से अन्य सेक्टर पर फोकस हो रहा कम
अनमोलम सुझाव देते हुए कहते हैं कि यूपीएससी का सम्मान करना चाहिए। इसमें मेहनत है। पर इसको बहुत ज्यादा ग्लैमराइज नहीं करना चाहिए। इससे समाज में एक अलग कल्चर क्रिएट हो रहा है कि बाकि लोग जो समाज में बहुत अच्छा योगदान दे रहे हैं। जैसे- डॉक्टर, टीचर, इंजीनियर, सांइटिस्ट आदि उन पर फोकस कम होता जा रहा है। सोसाइटी के रूप में हमें उस पर भी ध्यान देना चाहिए।
यूपीएससी परीक्षा जीवन से ज्यादा अहम नहीं
अनमोलम ने दुख जताते हुए कहा कि अभी एक खबर आयी कि एक बच्चे ने प्रीलिम्स का रिजल्ट आने के बाद सुसाइइ कर लिया। उनका कहना है कि यदि यूपीएससी की परीक्षा जान से ज्यादा महत्वपूर्ण हो गयी तो बहुत दिक्कत वाली बात है। एस्पिरेंटस के लिए मेंटल हेल्थ बहुत ही महत्वपूर्ण है। आप मानसिक तौर पर भी मजबूत रहें कि कोई भी परीक्षा आपके जीवन से ज्यादा अहम नहीं है। आपका खुश रहना बहुत अहम है। खुश रहिए और ईमानदारी से मेहनत करिए।
सचिन तेंदुलकर, लता मंगेशकर भी हैं सफल
उनका कहना है कि यदि आप यूपीएससी में सिलेक्ट होते हैं तो आप बहुत अच्छा देश के लिए कर सकते हैं यदि नहीं भी होते हैं तो आप दूसरी जगह बहुत अच्छा कर सकते हैं। यह नहीं कि हम यूपीएससी परीक्षा को जीवन से ज्यादा अहम मान लें और कोई गलत कदम उठाए। हमारे देश को अच्छे लीडर, इंडस्ट्रियलिस्ट, स्पोर्टसमैन की जरूरत है। सचिन तेंदुलकर, एआर रहमान, लता मंगेशकर, मुकेश अंबानी, रतन टाटा भी सफल हैं। अन्य सेक्टर में भी अच्छा किया जा सकता है। इसलिए आप परीक्षा को ही जीवन-मरण समझकर डिप्रेशन में न जाए। बहुत से बच्चे नशे का शिकार हो रहे हैं। खुद को लूजर नहीं माने। आपके पास जीवन में योगदान देने के लिए बहुत कुछ है। जान है तो जहान है।
दूसरे अटेम्पट में मिली सफलता, सिविल सर्विस में नहीं आते तो टीचिंग में करियर बनाते
देवघर, झारखंड के रहने वाले अनमोलम के पिता दीनबंधु व मां निर्मला देवी पेशे से शिक्षक हैं। उनको देश के तीन अहम संवर्गों में से एक में काम करने का मौका मिलेगा। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा डीएवी देवघर से हुई। उन्होंने वर्ष 2008 में डीएवी देवघर से 10वीं तक पढ़ाई की और डीपीएस रांची से वर्ष 2010 में 12वीं उत्तीर्ण किया। इसके बाद CLAT उत्तीर्ण कर चाणक्या नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (सीएलएनयू) पटना से बीए.एलएलबी किया। बैच में उनका सेकेंड रैंक था। यह वर्ष 2015 में फाइनल हुआ था। फिर साउथ एशियन यूनिवर्सिटी, दिल्ली से इंटरनेशनल लॉ में वर्ष 2017 में एलएलएम किया। उसके बाद अनमोलम यूपीएससी तैयारी में जुट गए। वर्ष 2019 के पहले अटेम्पट में प्रीलिम्स क्वालिफाई नहीं हुआ था। यह उनका दूसरा अटेम्पट था। उनका कहना है यदि वह सिविल सर्विस में नहीं आते तो टीचिंग में करियर बनाते।
यूपीएससी में मेहनत और भाग्य दोनों का अहम किरदार
अनमोलम का कहना है कि यूपीएससी परीक्षा में मेहनत और भाग्य दोनों का अहम रोल होता है। ये पूरी प्रक्रिया आपको बहुत कुछ सिखाती है। यह परीक्षा न सिर्फ आपके नॉलेज बल्कि आपके धैर्य को भी टेस्ट करती है। हार्डवर्क का कोई विकल्प नहीं है। यह जर्नी आपको एक बेहतर इंसान बनने में काफी मदद करती है, क्योंकि आप इतनी सारी चीजों को पढ़ते हैं। दिल से पढ़ते हैं, समझ के पढ़ते हैं। आप इवाल्व खूब करते हैं। यदि आपका हो जाए तो अंजाम बेहतर होता है। पर इसका सफर बहुत बढ़िया होता है। वर्ष 2017 के अंत में उन्हें जॉब के अवसर भी मिले थे। अच्छी सैलरी मिल रही थी। उस समय अनमोलम को चुनाव करना था कि उन्हें एकेडमिक क्षेत्र में जाना हैं या फिर प्रशासनिक सेवा के लिए तैयारी करनी है। पर उन्होंने यूपीएससी परीक्षा के लिए तैयारी की ही राह चुनी।
पूर्वाग्रह से ग्रसित न हों
अनमोलम का कहना है कि युवा अपना काम ईमानदारी से करें। संविधान के मूल्य में यकीन करें। संविधान के मूल्य सर्वोपरि हैं। आप जाति, धर्म या क्षेत्र के जो भेद हैं। उस भेद की वजह से आप पूर्वाग्रह से ग्रसित न हों। संविधान में आस्था रखें। उसके हिसाब से अपना व्यक्त्त्वि बनाएं। सोशल मीडिया पर समय बर्बाद मत करें, उसका प्रोडक्टिव यूज करें। यदि आप अच्छे स्कालर, प्रोफेसर या गवर्नमेंट की एजेंसी को फालो कर रहे हैं, तो उनसे आप यह मदद लें कि वह किस तरह आपकी तैयारी में सहायक की भूमिका अदा कर सकते हैं। पर यदि आप सोशल मीडिया पर समय नुकसान करते हैं, तो वह ठीक नहीं है।
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