सार
प्याज, गेहूं, नर्सरी, सब्जी को मिलाकर करीब 10 लाख रुपए की आमदानी हुई है। श्रीराम ने बताया कि पहले सिर्फ डेढ़ से दो लाख रुपए तक की इनकम होती थी।
करियर डेस्क. कहते हैं काम कोई भी हो उसे ध्यान से करने से सफलता जरूर मिलती है। स्टार्टअप में हम आपको एक ऐसे ही आदमी की कहानी बता रहे हैं जिसने एम्स की सरकारी नौकरी छोड़कर खेती का काम शुरू किया। मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के श्रीराम पाटीदार ने नौकरी छोड़कर खेती शुरू की और एक साल में करीब 10 लाख रुपए का मुनाफा कमाया। सीहोर जिले के कन्नौद मिर्जी के रहने वाले श्रीराम पाटीदार ने बीएसी सीड्स से ग्रेजुएशन किया था। 2015 में भोपाल एम्स में टेक्नीशियन पद पर सिलेक्शन हुआ था। यहां उन्हें हर महीने 17 हजार रुपए की सैलरी की जॉब मिली। उन्होंने बताया कि पिछले साल कोरोना लॉकडाउन में नौकरी छोड़कर घर आ गया था। इसके बाद सात एकड़ जमीन में ही कुछ अलग करने की सोचा।
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सब्जी की नर्सरी की तैयार
श्रीराम ने बताया कि एक एकड़ जमीन में सीजनेबल पौधे की नर्सरी तैयार की और उसमें गिलकी, करेला, टमाटर, काविया प्रजाति बैंगन के करीब 40 हजार से अधिक पौधे लगाए। इनको पिछले साल इधर-उधर गांव में पांच रुपए प्रति पौधे के हिसाब से बेचा था, लेकिन इस साल डिमांड इतनी बड़ी तो किसान खेत से ही खरीदकर ले जा रहे हैं। सब्जी पौधे बेचने के साथ खुद भी सब्जी की खेती शुरू कर दी।
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घटाया रकबा, अन्य फसल पर जोर
श्रीराम ने बताया कि परंपरागत खेती को छोडकर कुछ नया करनेके लिए तीन एकड़ में नासिक प्याज, एक एकड़ में हरा धनिया और अन्य सब्जी, एक एकड़ में गेहूं लगाया था। प्याज की करीब 210 क्विंटल की पैदावार हुई। प्याज, गेहूं, नर्सरी, सब्जी को मिलाकर करीब 10 लाख रुपए की आमदानी हुई है। श्रीराम ने बताया कि पहले सिर्फ डेढ़ से दो लाख रुपए तक की इनकम होती थी।