सार

डॉक्टर महिमा स्वामी के रिसर्च का महत्वपूर्ण हिस्सा आंत्र रोगों में सूजन को लेकर चल रही स्टडी है। इसमें शरीर के इम्यून सिस्टम में संक्रमण की वजह से पेट की लेयर पर अटैक करने के लिए वायरस कैसे एक्टिव होता है, की स्टडी भी शामिल है।

करियर डेस्क। बेंगलुरु की रहने वाली और डंडी विश्वविद्यालय (University of Dundee) स्कॉटलैंड में स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज के सबसे सम्मानित एक्सपर्ट्स में से एक डॉक्टर महिमा स्वामी को यूरोपीय साइंस के उभरते सितारों में से एक के तौर पर नामित किया गया है। डॉक्टर महिमा को उनके रिसर्च के कारण प्रतिष्ठित यूरोपी आणविक जीव विज्ञान संगठन (EMBO) यंग इन्वेस्टिगेटर नेटवर्क में शामिल होने के लिए चुना गया है। 

डॉक्टर महिमा यूनिवर्सिटी के मेडिकल रिसर्च काउंसिल प्रोटीन फॉस्फोराइलेशन एंड यूबिक्विटीलेशन यूनिट (MRC-PPU) के बेस रिसर्च की हेड हैं। यह रिसर्च ग्रुप मानव शरीर में आंतों में प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं यानी इम्यून रिस्पांस की जांच कर रहा है। इस ग्रुप में मौजूदा सदस्य 135 हैं, जबकि पूर्व में इस नेटवर्क में 390 सदस्य शामिल रह चुके हैं। यह ग्रुप 23 अन्य रिसर्च टीम से जुड़ा हुआ है। 

'इस सम्मान से रिसर्च अपने मुकाम पर पहुंचेगा'

डॉक्टर महिमा के अनुसार, मैं इस नेटवर्क का हिस्सा बनने और पूरे यूरोप में एडवांस्ड रिसर्च कर रहे सभी युवा वैज्ञानिकों से मिलने को लेकर उत्सुक और उत्साहित हूं। मेरा मानना ​​है कि इस रिसर्च ग्रुप का हिस्सा होने से हमारे पहले से जारी रिसर्च को आगे बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी। मैं अपनी लैब और अपने सलाहकारों की आभारी हूं, जिन्होंने मुझे यह पुरस्कार दिलाया। 

आंतों के इम्यून सिस्टम और इन्फेक्शन पर कर रहीं स्टडी

बता दें कि डॉक्टर महिमा के रिसर्च का एक महत्वपूर्ण हिस्सा आंत्र रोगों में सूजन को लेकर चल रही स्टडी है। इसके अलावा स्टडी में, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम में संक्रमण की वजह से पेट की लेयर पर अटैक करने के लिए वायरस कैसे एक्टिव होता है, भी शामिल है। डॉक्टर महिमा के रिसर्च टीम समूह में प्रयोगों के जरिए यह पता लगाना है कि कैसे इंसान हानिकारक आक्रमण से बचाने के लिए आंत की प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम का बेहतर उपयोग कर सकता है। यही नहीं, इसे आंत को नुकसान पहुंचाने से भी रोक सकते हैं। बता दें कि यूरोपी आणविक जीव विज्ञान संगठन यंग रिसर्च टीम का चयन, यूरोपी आणविक जीव विज्ञान संगठन के सदस्यों की एक टीम द्वारा उनके रिसर्च के उच्च स्तर परिणाम यानी हाई लेवल रिजल्ट के लिए करता है। 

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