सार

यूके की 200 कंपनियों ने कर्मचारियों के लिए 4-दिन काम का नियम लागू किया है, वो भी बिना सैलरी कटौती के! क्या भारत भी इस ट्रेंड को अपनाएगा?

Work Life Balance: हाल ही में भारत में काम के घंटों को लेकर काफी बहस हो रही है। कुछ कंपनियों के टॉप मैनेजमेंट ने कर्मचारियों से लंबे घंटों तक काम करने की उम्मीद जताई, जिसमें 15 से 17 घंटे रोजाना काम करने की बात तक सामने आई। इस पर जमकर आलोचना हुई। ऐसे में बेहतर वर्क-लाइफ बैलेंस की मांग तेज हो गई है। अब 4-दिन काम और 3 दिन वीकेंड का मॉडल भी चर्चा में है। इसी बीच यूके से एक राहत भरी खबर आई है, जहां करीब 200 कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के लिए 4-दिन काम के नियम को लागू करने का फैसला किया है।

काम के घंटे घटने से मिलेगी राहत

यूके की इन कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को बेहतर जिंदगी देने के लिए यह कदम उठाया है। सप्ताह में सिर्फ 4 दिन काम करने से कर्मचारियों को न केवल अपने परिवार के साथ समय बिताने का मौका मिलेगा, बल्कि वे जीवन की भागदौड़ से भी दूर रहकर खुद को तरोताजा कर सकेंगे।

सैलरी में नहीं होगी कटौती

इन 200 कंपनियों ने साफ किया है कि कर्मचारियों की सैलरी में कोई कटौती नहीं की जाएगी। "द गार्डियन" की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये कंपनियां मिलकर 5,000 से ज्यादा लोगों को रोजगार देती हैं। इनमें से अधिकतर कंपनियां चैरिटी, मार्केटिंग और टेक्नोलॉजी सेक्टर से जुड़ी हैं।

काम के 4-दिन का फायदा

इस मॉडल के समर्थकों का कहना है कि 5-दिन काम करने का सिस्टम उस दौर के लिए सही था, जब यात्रा आसान थी और काम का तनाव कम था। आज के समय में 4-दिन का काम कर्मचारियों को ज्यादा खुशी देगा। उनकी मानसिक सेहत बेहतर होगी और वे अपने परिवार को समय दे पाएंगे। इससे न केवल उनका उत्साह बढ़ेगा, बल्कि उनकी प्रोडक्टिविटी भी दोगुनी हो जाएगी।

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क्या भारत में हो सकता है ऐसा?

भारत में भी वर्क-लाइफ बैलेंस की मांग बढ़ रही है। हालांकि, इस तरह का बदलाव यहां लागू करना आसान नहीं होगा। कई कंपनियों का मानना है कि भारतीय कामकाजी माहौल में 5-दिन या 6-दिन काम का नियम बेहतर फिट बैठता है। लेकिन यूके का यह कदम दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गया है और इससे बाकी देशों को प्रेरणा मिल सकती है।

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