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पढ़ाई में अव्वल, फाइटर स्किल में माहिर हैं IAF विंग कमांडर व्योमिका सिंह, जानिए कितनी पढ़ी-लिखी
Vyomika Singh Education: पहलगाम हमले के बाद, भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया। इस ऑपरेशन की जानकारी विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने मीडिया को दी। जानिए IAF विंग कमांडर व्योमिका सिंह के बारे में, एजुकेशन, करियर और उपलब्धियां।
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भारतीय वायुसेना की जांबाज अफसर हैं विंग कमांडर व्योमिका सिंह
भारत की तीनों सेनाओं ने मिलकर हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया, जिसका मकसद था जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले के गुनहगारों को जवाब देना। इस बड़े ऑपरेशन के बारे में मीडिया को जानकारी देने की जिम्मेदारी खासतौर पर दो महिला अधिकारियों को दी गई भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी। इनके साथ विदेश सचिव विक्रम मिस्री भी मौजूद थे।
कौन हैं विंग कमांडर व्योमिका सिंह?
व्योमिका सिंह भारतीय वायुसेना की एक काबिल और बहादुर हेलिकॉप्टर पायलट हैं। वो उन गिनी-चुनी महिला अधिकारियों में से एक हैं जिन्हें इतनी हाई लेवल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला।
व्योमिका सिंह का बचपन से था आसमान छूने का सपना
व्योमिका सिंह का सपना बचपन से ही आसमान छूने का था। छोटी उम्र से ही उन्होंने तय कर लिया था कि उन्हें देश की सेवा करनी है और उड़ान भरनी है। स्कूल के दिनों में उन्होंने एनसीसी (नेशनल कैडेट कोर) जॉइन किया, जिससे उन्हें सेना की दुनिया से शुरुआती पहचान मिली।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह का एजुकेशन क्वालिफिकेशन
इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, जिससे उनका तकनीकी ज्ञान और मजबूत हुआ। मेहनत और समर्पण के दम पर उन्होंने भारतीय वायुसेना में जगह बनाई। 18 दिसंबर 2019 को उन्हें वायुसेना की फ्लाइंग ब्रांच में परमानेंट कमीशन मिला। व्योमिका अपने परिवार की पहली सदस्य हैं जिन्होंने सशस्त्र बलों में शामिल होकर एक मिसाल कायम की है।
2,500 से ज्यादा घंटे तक उड़ान भरने का अनुभव
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने अपनी सर्विस के दौरान 2,500 से ज्यादा घंटे तक उड़ान भरने का अनुभव हासिल किया है। उन्होंने चेतक और चीता जैसे हेलिकॉप्टर उड़ाते हुए जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर जैसे चुनौतीपूर्ण और ऊंचाई वाले इलाकों में मिशन पूरे किए हैं। नवंबर 2020 में अरुणाचल प्रदेश में एक खतरनाक रेस्क्यू ऑपरेशन को उन्होंने सफलतापूर्वक लीड किया, जहां मौसम बेहद खराब था और हर फैसला जान बचाने जैसा था। सिर्फ यही नहीं, 2021 में वे एक ट्राई-सर्विस ऑल-वीमेन माउंटेनियरिंग एक्सपीडिशन का हिस्सा रहीं, जिसमें उन्होंने माउंट मणिरंग (21,650 फीट) की चढ़ाई पूरी की। यह अभियान इतना खास था कि देश के टॉप डिफेंस अधिकारियों ने इसकी खुलकर सराहना की।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह को मिले सम्मान और उपलब्धियां
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने अपनी काबिलियत और बहादुरी से वायुसेना के टॉप अधिकारियों का दिल जीता है। उन्हें अब तक चीफ ऑफ एयर स्टाफ और एक ऑपरेशनल कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ से सम्मान पत्र मिल चुके हैं। उच्च पर्वतीय इलाकों में राहत और बचाव कार्यों के दौरान उनका योगदान बेहद सराहनीय रहा है। इसके अलावा, उन्होंने कई कठिन सहनशक्ति अभियानों (endurance expeditions) में भी हिस्सा लिया है, जो बताता है कि वे नई पीढ़ी की महिला अफसरों के लिए एक मजबूत रोल मॉडल क्यों हैं।
क्या था ऑपरेशन सिंदूर?
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी। इस हमले के बाद भारत ने ठोस कदम उठाते हुए ऑपरेशन सिंदूर को सफलता पूर्वक अंजाम दिया। जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित 9 आतंकी कैंपों पर ड्रोन और मिसाइल से निशाना साधा। देश-दुनिया की मीडिया को मामले की पूरी जानकारी विंग कमांडर व्योमिका सिंह और भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ने दी।
ऑपरेशन सिंदूर भारत का जवाबी हमला ‘गंभीर लेकिन गैर-उकसाने वाला
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि पाकिस्तान की तरफ से हमले के बाद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, इसलिए भारत ने यह जवाबी हमला ‘गंभीर लेकिन गैर-उकसाने वाला (non-escalatory)’ मानते हुए किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका ने ऑपरेशन की तैयारियों, सफलता और आगे की रणनीति को लेकर विस्तार से जानकारी दी।