सार

Indian Student Visa Revoked: भारत के चिन्मय देवरे समेत 4 विदेशी छात्रों का स्टूडेंट वीजा अमेरिका में बिना नोटिस रद्द कर दिया गया। अब डिपोर्ट होने की आशंका के बीच उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की है। जानिए कौन हैं चिन्मय देवरे और क्या है पूरा मामला।

Who is Chinmay Deore: अमेरिका की यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्र चिन्मय देवरे इन दिनों एक बड़ी मुसीबत में फंसे हुए हैं। उनकी स्टूडेंट वीजा स्टेटस अचानक खत्म कर दी गई, जिससे अब वो डिपोर्ट होने की कगार पर पहुंच गए हैं। यही नहीं, चिन्मय समेत चार अंतरराष्ट्रीय छात्रों ने अमेरिका की होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट (DHS) और इमिग्रेशन अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। यह याचिका अमेरिका के ACLU (American Civil Liberties Union) की मदद से दायर की गई है, जिसमें कहा गया है कि इन छात्रों की F-1 स्टूडेंट इमिग्रेशन स्टेटस बिना किसी नोटिस या स्पष्ट कारण के अचानक खत्म कर दी गई, जो पूरी तरह से गलत और अवैध है।

जानिए कौन हैं चिन्मय देवरे? भारत से अमेरिका तक का सफर (Who is Chinmay Deore)

चिन्मय मूल रूप से भारत के नागरिक हैं और इस समय अमेरिका के मिशिगन में स्थित वेन स्टेट यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रहे हैं। उनका अमेरिका से नाता नया नहीं है। वे साल 2004 में पहली बार अपने परिवार के साथ H-4 वीजा पर अमेरिका गए थे। कुछ समय बाद 2008 में परिवार सहित भारत लौटे, लेकिन 2014 में दोबारा H-4 वीजा पर अमेरिका वापस आए।

चिन्मय देवरे ने पढ़ाई के लिए बदला वीजा, अब फंसे मुश्किल में (Chinmay Deore Visa Status)

चिन्मय की उम्र जब H-4 वीजा की लिमिट से ज्यादा होने लगी, तब उन्होंने F-1 स्टूडेंट वीजा के लिए मई 2022 में आवेदन किया और उन्हें मंजूरी भी मिल गई। अगस्त 2021 से वेन स्टेट यूनिवर्सिटी में उनकी पढ़ाई शुरू हुई और वो मई 2025 तक डिग्री पूरी करने की तैयारी में थे। लेकिन अब अचानक उनकी SEVIS (Student and Exchange Visitor Information System) से स्टेटस हटा दिया गया, जिससे उनका इमिग्रेशन स्टेटस खत्म माना जा रहा है।

कानून का पालन करने वाले छात्र, फिर भी खतरे में चिन्मय देवरे

ACLU के मुताबिक, चिन्मय पर आज तक कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है। उन्होंने कभी किसी इमिग्रेशन नियम का उल्लंघन नहीं किया। सिर्फ एक बार उन्हें स्पीडिंग और पार्किंग का टिकट मिला था, जिसकी फाइन उन्होंने तुरंत भर दी थी। वे न ही किसी राजनीतिक विरोध प्रदर्शन का हिस्सा रहे हैं और न ही किसी विवाद में शामिल रहे हैं।

अब क्या चाहते हैं चिन्मय?

चिन्मय और अन्य छात्रों की मांग है कि उनकी वीजा स्टेटस फिर से बहाल की जाए और इस कार्रवाई के खिलाफ कोर्ट से इमरजेंसी राहत मिले। अगर राहत नहीं मिली, तो उन्हें अमेरिका से बाहर जाना पड़ सकता है, जिससे उनकी पढ़ाई और भविष्य दोनों पर असर पड़ेगा।