सार
Viral LinkedIn Post: एक Gen Z कैंडिडेट ने शनिवार काम करने से मना कर नौकरी ठुकरा दी। HR प्रोफेशनल ने LinkedIn पर यह घटना शेयर की, जिसके बाद work-life balance पर यूजर के बीच बहस छिड़ गई। देखिए HR का वारयल पोस्ट।
Viral Post: आज जब बड़ी संख्या में युवा कॉर्पोरेट दुनिया में कदम रख रहे हैं, तो उनके सोचने का तरीका भी चर्चा का विषय बन गया है। एक ऐसी ही LinkedIn viral post ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी, जिसमें एक HR प्रोफेशनल ने एक Gen Z candidate के साहसी फैसले को सलाम किया। वजह? उसने सिर्फ इसीलिए जॉब ऑफर ठुकरा दिया क्योंकि कंपनी को Saturday working policy चाहिए थी। ये कहानी सिर्फ job rejection की नहीं, बल्कि बदलती सोच, mental health awareness, और work-life balance की है।
क्या हुआ था इंटरव्यू में?
Talent Acquisition Specialist Riya Dadhich, जो Firstsource में काम करती हैं, ने यह घटना LinkedIn पर शेयर की। रिया दाधीच ने लिखा कि Gen Z को अक्सर “no patience, no loyalty” जैसी बातों से आंका जाता है, लेकिन इस लड़की की सोच बिल्कुल अलग थी। जब HR ने पूछा कि क्या वो कुछ शनिवारों को काम कर सकती है, तो उसने मना कर दिया। जवाब था: "मैं अपना बेस्ट दूंगी, लेकिन मैं ऐसा करियर नहीं चाहती जो 30 की उम्र में ही जला दे (job burnout)।”
HR की सोच में आया बदलाव
पहले तो HR को ये जवाब सुनकर गुस्सा आया, लेकिन फिर उन्होंने इसे courageous career decision माना। उन्होंने लिखा-हमें सिखाया गया था कि देर रात काम करना ambition है, ‘ना’ नहीं कहना है। लेकिन आज की पीढ़ी, खासकर Gen Z, इन झूठी मान्यताओं को तोड़ रही है। उन्होंने आगे लिखा शायद दिक्कत Gen Z में नहीं है, दिक्कत उस सिस्टम में है जिससे हम गुजरे। उन्हें दोष न दें, वो सुधार ला रहे हैं। नीचे देखें वायरल पोस्ट-
LinkedIn पर पोस्ट के बाद क्या हुआ?
हजारों लोगों ने इस पोस्ट पर रिएक्ट किया और अपनी बातें भी शेयर कीं। एक यूज़र ने कहा- Gen Z coffee पीने नहीं आए हैं, ये culture को stir करने आए हैं। एक अन्य यूज़र ने लिखा- मैंने भी ऐसी जॉब ठुकरा दी थी जिसमें 6 दिन काम था। पैसे जरूरी हैं, लेकिन mental health in corporate उससे ज्यादा। एक और ने लिखा- हमें burnout को success मानने की ट्रेनिंग दी गई थी। Gen Z इसे सुधार रहे हैं और सही कर रहे हैं।
बदलता कॉर्पोरेट कल्चर
आज की corporate culture में बदलाव जरूरी है। खासकर जब बात employee mental health, workplace boundaries और career satisfaction की हो। Gen Z जो कर रही है, वो बगावत नहीं, एक जरूरी सुधार है। अब जरूरत है कि कंपनियां भी इस सोच को समझें और healthy work environment की दिशा में आगे बढ़ें।