सार
UPSC Success Story: रेलवे कुली से IAS अधिकारी बनने तक, श्रीनाथ के की कहानी प्रेरणा से भरपूर है। कठिनाइयों और असफलताओं के बावजूद, उन्होंने अपने सपने को कैसे हासिल किया और UPSC परीक्षा में कैसे सफलता पाई, जानिए
UPSC Success Story IAS Sreenath K: एक समय था जब रेलवे स्टेशन पर कुली बनकर दूसरों का सामान उठाने वाले एक शख्स ने यह तय कर लिया कि अब वह अपनी किस्मत खुद लिखेगा। धूप, पसीना, मेहनत और जिम्मेदारियों के बीच खड़े उस शख्स का सपना था IAS बनना। और जब सपने सच्चे इरादों के साथ देखे जाते हैं, तो हालात कितने भी कठिन क्यों न हों, इंसान उन्हें पूरा कर ही लेता है। ये कहानी है केरल के मुन्नार के रहने वाले श्रीनाथ के की, जिन्होंने रेलवे स्टेशन की भीड़ से निकलकर देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवा में जगह बनाई। ये कहानी सिर्फ एक सफलता की नहीं, बल्कि हर उस इंसान की उम्मीद की कहानी है, जो कठिनाइयों के बावजूद हार नहीं मानता।
श्रीनाथ के की पढ़ाई छूटी, जिम्मेदारियां शुरू, रेलवे स्टेशन पर कुली की नौकरी
श्रीनाथ का सपना था पढ़-लिखकर कुछ बड़ा करने का, लेकिन आर्थिक तंगी ने इस राह को बहुत जल्दी रोक दिया। हाई स्कूल के बाद उन्हें आगे की पढ़ाई छोड़नी पड़ी, क्योंकि घर में कमाने वाला कोई और नहीं था। परिवार में पत्नी और एक छोटी सी बेटी थी, जिनकी जिम्मेदारी श्रीनाथ के कंधों पर थी। ऐसे में उन्होंने एर्नाकुलम रेलवे स्टेशन पर कुली की नौकरी शुरू कर दी। दिनभर यात्रियों का सामान उठाना और रात को थककर चुपचाप सो जाना, यही उनकी जिंदगी थी।
कुली बना UPSC कैंडिडेट: 27 की उम्र में श्रीनाथ के ने लिया बड़ा फैसला
श्रीनाथ के के दिल में एक बात हमेशा चलती रहती थी क्या यही मेरी जिंदगी है? क्या मैं कुछ बड़ा नहीं कर सकता? आखिरकार 27 साल की उम्र में उन्होंने तय किया कि अब वह सरकारी नौकरी के लिए तैयारी करेंगे। शुरुआत की KPSC (केरल पब्लिक सर्विस कमीशन) की परीक्षा से। बिना कोचिंग, बिना किसी गाइडेंस के, श्रीनाथ ने KPSC की परीक्षा पास कर ली और एक सरकारी पद पर नौकरी भी मिल गई। पर उनका सपना अब बड़ा हो चुका था। अब उनकी नजर थी UPSC पर, जो देश की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है।
ना कोचिंग, ना किताबें, बस Wi-Fi और UPSC क्रैक करने की जिद
श्रीनाथ के पास ना पैसे थे और ना समय, तो उन्होंने रेलवे स्टेशन का फ्री Wi-Fi इस्तेमाल किया। दिन में सामान उठाते और रात को फ्री ऑनलाइन मटीरियल, ऑडियो लेक्चर और यूट्यूब वीडियो से पढ़ाई करते। कोई क्लासरूम नहीं, कोई कोचिंग नहीं, बस जिद थी, लगन थी और वो सपना था जो नींद से भी बड़ा था।
श्रीनाथ के चौथे प्रयास में UPSC क्रैक कर बने IAS
पहले तीन बार में असफलता मिली, लेकिन श्रीनाथ ने हार नहीं मानी। चौथे प्रयास में उन्होंने UPSC पास कर लिया और देश के सबसे कठिन एग्जाम को हराकर IAS अधिकारी बन गए। बताया जाता है कि उन्होंने करीब 82% अंक हासिल किए थे। श्रीनाथ की कहानी हमें यही सिखाती है कि अगर इरादे मजबूत हों तो कामयाबी जरूर मिलती है, बस आपको उसे हासिल करने की हिम्मत करनी होती है।