सार

UPSC Success Story: छोटे से गांव से निकले शरण कांबले ने गरीबी और मुश्किलों को मात देकर IPS अफसर बनने का सपना पूरा किया। जानिए कैसे उन्होंने 20 लाख की नौकरी ठुकराकर UPSC की राह चुनी और कामयाबी हासिल की।

IPS Sharan Kamble UPSC Success Story: सपने बड़े हों तो हालात मायने नहीं रखते, बस जिद होनी चाहिए उन्हें पूरा करने की। ये लाइन IPS शरण कांबले की जिंदगी पर एकदम सटीक बैठती है। गरीबी, मुश्किलें और संघर्ष, ये सब उनकी जिंदगी का हिस्सा रहे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। जानिए इस जांबाज अफसर की कहानी, जिसने मेहनत से अपनी तकदीर बदल दी।

छोटे से गांव से शुरू हुआ सफर (IPS Sharan Kamble Journey)

शरण कांबले का जन्म 30 सितंबर 1993 को महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के तडवाले गांव में हुआ। उनके माता-पिता मजदूर थे और सब्जी बेचकर घर चलाते थे। हालांकि, गरीबी के बावजूद उन्होंने बेटे की पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी। शरण की स्कूली शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल में हुई। लेकिन 11वीं और 12वीं के लिए उन्हें रोज 12 किलोमीटर दूर पैदल जाना पड़ता था। मुश्किलें बहुत थीं, लेकिन उनके इरादे उनसे भी ज्यादा मजबूत थे।

IPS Sharan Kamble Eductaion: IISc तक पहुंचा ये होनहार छात्र

शरण ने आगे की पढ़ाई के लिए सांगली के वालचंद कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से B.Tech किया। फिर IISc बेंगलुरु से पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा किया। यहीं से उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव आया। IISc से पढ़ाई के बाद उन्हें 20 लाख रुपये सालाना पैकेज की नौकरी मिली, लेकिन उनका सपना था सिविल सर्विसेस में जाना।

20 लाख की नौकरी ठुकराई, चुनी UPSC की राह (Lfet Job Worth Rs 20 Lakh for UPSC)

किसी के लिए भी 20 लाख की नौकरी ठुकराना आसान नहीं होता, लेकिन शरण कांबले ने ये फैसला अपने सपनों के लिए लिया। उनके पिता गोपीनाथ हमेशा चाहते थे कि बेटा अफसर बने और इसी सपने को पूरा करने के लिए शरण दिल्ली चले गए और UPSC की तैयारी शुरू कर दी।

जब स्कॉलरशिप बनी संजीवनी (IPS Sharan Kamble UPSC preparation with scholarship)

दिल्ली में रहकर UPSC की तैयारी करना आसान नहीं था। रहने-खाने तक के पैसे नहीं थे, लेकिन किस्मत ने उनका साथ दिया। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार की स्कॉलरशिप योजना का एग्जाम पास किया और 8 महीने तक हर महीने 12,000 रुपये की मदद मिलने लगी। बस, फिर क्या था। शरण ने पूरी ताकत झोंक दी और खुद को IPS अफसर बनाने की राह पर निकल पड़े।

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UPSC में सफलता: तीन बार पास की परीक्षा (IPS Sharan Kamble UPSC Rank)

संघर्ष का फल मीठा होता है और शरण कांबले की मेहनत ने इसे साबित कर दिया। उन्होंने 2019 में पहली बार UPSC CAPF परीक्षा दी और ऑल इंडिया 8वीं रैंक हासिल की। फिर साल 2020 में UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास की और 542वीं रैंक के साथ IPS बने। उन्होंने साल 2021 में फिर से परीक्षा दी, इस बार 127वीं रैंक मिली और IFS (Indian Foreign Service) मिला, लेकिन उन्होंने IPS ही चुना।

IPS Sharan Kamble Inspiring UPSC Journey: प्रेरणा बन चुके हैं शरण कांबले

गरीबी में जन्मे, संघर्षों से जूझे और आज IPS अफसर बनकर देश की सेवा कर रहे हैं शरण कांबले की कहानी हर उस इंसान के लिए सबक है, जो हालात से हार मान लेता है। अगर आपके अंदर जज्बा है, तो कोई भी मुश्किल आपको रोक नहीं सकती।

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