सार
UPSC Success Story: UPSC की तैयारी करना हर किसी के बस की बात नहीं। हर साल लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा में बैठते हैं, लेकिन बहुत कम ही इसे पास कर पाते हैं। आज हम आपको एक ऐसी महिला की कहानी बताएंगे, जिन्होंने स्विट्जरलैंड की हाई-पेइंग नौकरी को छोड़कर IAS बनने का सपना पूरा किया।
मेजर जनरल की बेटी हैं अंबिका रैना
अंबिका रैना, जो जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर से हैं, एक मेजर जनरल की बेटी हैं। पिता के ट्रांसफर वाली नौकरी के कारण उनकी स्कूलिंग कई जगहों पर हुई। लेकिन अंबिका हमेशा से ही पढ़ाई में अव्वल रहीं। अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने अहमदाबाद के CEPT यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर में डिग्री हासिल की।
स्विट्जरलैंड में इंटर्नशिप और फिर जॉब ऑफर
ग्रेजुएशन के बाद अंबिका को स्विट्जरलैंड में इंटर्नशिप करने का मौका मिला। यह अनुभव उनके लिए बहुत खास रहा। यहां उन्हें कई नामी कंपनियों से नौकरी के ऑफर मिले। एक ऐसा करियर उनके सामने था, जो न केवल सम्मानजनक था, बल्कि आर्थिक रूप से भी बहुत आकर्षक था।
बदला अंबिका रैना का सपना
स्विट्जरलैंड में रहते हुए अंबिका को एहसास हुआ कि उनकी असली मंजिल कुछ और है। इंटर्नशिप के दौरान उन्होंने सिविल सर्विसेज के महत्व को गहराई से समझा और तय किया कि उन्हें अपने देश की सेवा करनी है। अंबिका ने अपने सारे जॉब ऑफर ठुकराए और भारत लौट आईं।
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अंबिका रैना ने शुरू की UPSC की तैयारी
भारत लौटने के बाद अंबिका ने UPSC की तैयारी शुरू की। उन्होंने शुरुआत में IIM अहमदाबाद में सारथी सोशल वर्कर के रूप में काम किया और फिर फिल्म प्रोडक्शन कंपनी में जूनियर सेट डिजाइनर के रूप में भी अनुभव हासिल किया। लेकिन उनका असली फोकस सिविल सर्विस परीक्षा पर था।
दो प्रयासों में असफल होने के बावजूद नहीं मानी हार
पहले दो प्रयासों में असफल होने के बावजूद अंबिका ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी गलतियों का विश्लेषण किया, मॉक टेस्ट पर ध्यान दिया और अपनी तैयारी को और मजबूत बनाया। आखिरकार, तीसरे प्रयास में उन्होंने UPSC परीक्षा पास कर ली।
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अंबिका रैना का IAS बनने का सफर
2022 की सिविल सेवा परीक्षा में अंबिका ने कुल 985 अंक हासिल किए। उन्होंने लिखित परीक्षा में 792 और पर्सनैलिटी टेस्ट में 193 अंक स्कोर किए। आज वह भारतीय लेखा और लेखा परीक्षा सेवा (Indian Accounts and Audit Service) में ऑफिसर ट्रेनी के रूप में कार्यरत हैं।
अंबिका रैना की कहानी देती है प्ररेणा
अंबिका की कहानी यह सिखाती है कि सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत, आत्मविश्वास और धैर्य सबसे जरूरी हैं। उनके इस साहसिक कदम ने न केवल उनकी जिंदगी बदली, बल्कि लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा भी बन गई।
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