सार
Who is Ajay Kumar UPSC New Chairmam पूर्व रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार UPSC के नए अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं। 1985 बैच के IAS रहे अजय कुमार के एजुकेशन, करियर और महत्वपूर्ण योगदानों के बारे में जानिए।
Who is Ajay Kumar UPSC New Chairmam: भारत सरकार ने पूर्व रक्षा सचिव और 1985 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डॉ. अजय कुमार को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) का नया चेयरमैन नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा की गई है, जो प्रीति सूदन के 29 अप्रैल को कार्यकाल समाप्त होने के बाद यह पद संभालेंगे। जानिए UPSC के नए चेयरमैन अजय कुमार के एजुकेशन, करियर के बारे में पूरी डिटेल
कौन हैं डॉ. अजय कुमार, सर्विस बैकग्राउंड
डॉ. अजय कुमार 1985 बैच के केरल कैडर के IAS ऑफिसर हैं। उन्होंने भारत सरकार और केरल सरकार में कई अहम पदों पर काम किया है, जिसमें जिला कलेक्टर, केल्ट्रॉन के प्रबंध निदेशक और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव शामिल हैं।
अजय कुमार ने रक्षा सचिव रहते हुए किए बड़े फैसले
अजय कुमार ने 23 अगस्त 2019 से 31 अक्टूबर 2022 तक भारत के रक्षा सचिव के रूप में काम किया। इस दौरान उन्होंने 'अग्निपथ योजना', 'अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया', 'आत्मनिर्भर भारत' पहल, और आयुध निर्माणियों के निगमीकरण जैसे महत्वपूर्ण रक्षा सुधारों का नेतृत्व किया।
अजय कुमार ने डिजिटल इंडिया में भी निभाई अहम भूमिका
डॉ. अजय कुमार ने इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय में वरिष्ठ पदों पर कार्य करते हुए 'डिजिटल इंडिया' परियोजनाओं जैसे UPI, आधार, myGov और Government e-Marketplace के एग्जीक्यूशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अजय कुमार का शानदार एजुकेशन क्वालिफिकेशन
डॉ. अजय कुमार ने IIT कानपुर से बी.टेक की डिग्री हासिल की है। इसके बाद उन्होंने अमेरिका के मिनेसोटा विश्वविद्यालय से एप्लाइड इकोनॉमिक्स में एमएस और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में पीएचडी की डिग्री ली, जिसे उन्होंने केवल तीन वर्षों में पूरा किया।
UPSC में अब क्या रहेगा अजय कुमार का रोल?
UPSC भारत की प्रमुख भर्ती एजेंसी है, जो IAS, IPS, IFS सहित विभिन्न सिविल सेवाओं के लिए परीक्षाएं आयोजित करती है। अध्यक्ष के रूप में, डॉ. कुमार का कार्यकाल 6 वर्षों का होगा या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले आएगा। वर्तमान में आयोग में दो सदस्य पद रिक्त हैं।
क्यों अहम है UPSC चेयरमैन के रूप में उनकी नियुक्ति?
डॉ. अजय कुमार की नियुक्ति UPSC के लिए एक अनुभवशील और रणनीतिक दृष्टिकोण लाने वाली मानी जा रही है। उनकी तकनीकी विशेषज्ञता, प्रशासनिक अनुभव, और सुधारवादी दृष्टिकोण से उम्मीद की जा रही है कि UPSC की पारदर्शिता और दक्षता में और वृद्धि होगी।