UPSC Age Limit 2025: क्या आप जानते हैं कि आईएएस, आईपीएस, आईएफएस ऑफिसर बनने के लिए उम्र सीमा क्या है और कितनी बार यह परीक्षा देने का मौका मिलता है? जानिए जरूरी बातें, जो उम्मीदवारों को जाननी चाहिए।
UPSC Exam 2025: यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) की परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। लाखों छात्र हर साल IAS, IPS, IFS और IRS जैसे बड़े पदों के लिए UPSC सिविल सर्विस एग्जाम (CSE) की तैयारी करते हैं। वहीं अब आयोग ने उम्मीदवारों के लिए एक बड़ी घोषणा की है। UPSC ने तय किया है कि अब सिविल सर्विसेज प्रीलिम्स परीक्षा के तुरंत बाद प्रोविजनल आंसर की जारी की जाएगी। पहले उम्मीदवारों को पूरे एक साल इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब यह प्रक्रिया काफी तेज हो जाएगी। इस घोषणा के साथ ही हाल ही में UPSC चेयरमैन डॉ अजय कुमार ने सिविल सर्विस परीक्षार्थियों से लाइव बातचीत की और उनसे जुड़ी कई अहम बातों पर अपनी राय रखी, जिसमें सबसे अहम था उम्र सीमा और प्रयासों (Attempts) का मुद्दा।
क्या UPSC उम्र सीमा में कोई बदलाव हुए हैं?
UPSC चेयरमैन ने साफ कहा कि फिलहाल उम्र सीमा बदलने की कोई योजना नहीं है। मौजूदा नियमों के अनुसार, उम्मीदवार की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष होनी चाहिए। उम्मीदवार की अधिकतम उम्र 32 वर्ष से कम होनी चाहिए (सामान्य वर्ग के लिए)। कैटेगरी वाइज अधिकतम उम्र सीमा इस प्रकार है-
- सामान्य वर्ग (General): 32 वर्ष
- ओबीसी (OBC): 35 वर्ष
- एससी, एसटी (SC, ST): 37 वर्ष
अगस्त 1 को कट-ऑफ डेट रखने से उन ग्रेजुएट्स को नुकसान नहीं होता, जो मई-जून में अपनी डिग्री पूरी करते हैं। अगर इसे जनवरी 1 कर दिया जाए, तो कई छात्रों की एक साल की पात्रता खत्म हो जाएगी।
कितनी बार दे सकते हैं UPSC परीक्षा?
यूपीएससी परीक्षा देने के प्रयासों (Attempts) की संख्या में भी कोई बदलाव फिलहाल नहीं किया जाएगा। मैक्सिमम अटेंप्ट की बात करें तो-
- सामान्य वर्ग (General): 6 प्रयास
- OBC वर्ग: 9 प्रयास
- SC, ST वर्ग: असीमित प्रयास
- 2014 से पहले उम्मीदवारों को केवल 4 प्रयास मिलते थे, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 6 कर दिया गया। इस पर फिलहाल कोई और बदलाव प्रस्तावित नहीं है।
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यूपीएससी क्रैक करने के लिए कोचिंग जरूरी नहीं?
यूपीएससी चेयरमैन के अनुसार UPSC परीक्षा में सफलता के लिए कोचिंग अनिवार्य नहीं है। देश के छोटे शहरों यानी टियर-2 और टियर-3 सिटी के कई छात्र बिना कोचिंग के भी पास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आजकल इंजीनियरिंग बैकग्राउंड वाले कई छात्र सिविल सर्विस एग्जाम में ह्यूमैनिटीज सब्जेक्ट लेकर भी सफलता पा रहे हैं।
उम्मीदवारों के सर्टिफिकेट की डिजिलॉकर से जांच
आयोग उम्मीदवारों के सर्टिफिकेट की डिजिलॉकर के माध्यम से जांच करने की दिशा में काम कर रहा है। इससे फर्जी दस्तावेजों पर लगाम लगेगी। अगर कोई उम्मीदवार धोखाधड़ी या फर्जी प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल करता है, तो उसे न सिर्फ परीक्षा से बाहर किया जा सकता है बल्कि तीन साल तक किसी भी UPSC परीक्षा में शामिल होने से प्रतिबंधित किया जा सकता है।
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