UGC Show Cause Notice: UGC ने IIT, IIM, AIIMS समेत 89 उच्च शिक्षण संस्थानों को एंटी-रैगिंग गाइडलाइंस का पालन न करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया। 30 दिन में रिपोर्ट नहीं देने पर ग्रांट रद्द समेत कड़ी कार्रवाई की चेतावनी। पढ़ें पूरी खबर।
UGC Show Cause Notice: यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने देश के 89 उच्च शिक्षण संस्थानों (Higher Education Institutions) को कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी किया है। इन संस्थानों में IIT, IIM, IIIT, AIIMS, NID जैसे प्रमुख राष्ट्रीय महत्व के संस्थान शामिल हैं। इन संस्थानों पर आरोप है कि इन्होंने अनिवार्य एंटी-रैगिंग (Anti-Ragging) गाइडलाइंस का पालन नहीं किया और न ही छात्रों से ऑनलाइन एंटी-रैगिंग अंडरटेकिंग्स लीं। यूजीसी ने अपनी नोटिस में इन संस्थानों से जवाब मांगते हुए मान्यता रद्द करने, ग्रांट रोकने तक की चेतावनी दी है।
किन संस्थानों को नोटिस?
नोटिस पाने वालों में देश के तमाम जाने माने संस्थान हैं। इस लिस्ट में IIT Bombay, IIT Kharagpur, IIT Hyderabad, IIT Palakkad, IIM Bangalore, IIM Rohtak, IIM Tiruchirappalli, AIIMS Raebareli, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (Aligarh Muslim University), इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट कोलकाता (ISI Kolkata) और राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम टेक्नोलॉजी (RGIPT) शामिल हैं। इसके अलावा IGNOU, बेंगलुरु सेंट्रल यूनिवर्सिटी और वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज भी लिस्ट में हैं।
UGC का सख्त रुख
UGC के सचिव प्रो. मनीष आर. जोशी द्वारा 9 जून को जारी नोटिस में कहा गया कि नियमों का पालन न करना न केवल UGC दिशानिर्देशों का उल्लंघन है बल्कि छात्र सुरक्षा से भी समझौता करता है। UGC ने संस्थानों को 30 दिनों के अंदर सभी छात्रों से ऑनलाइन अंडरटेकिंग लेकर और कैंपस में एंटी-रैगिंग उपायों पर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।
पालन नहीं करने पर होगी कार्रवाई
UGC ने बताया कि सभी संस्थानों को गाइडलाइन का पालन करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। साथ ही यूजीसी ने चेतावनी दी है कि तय समयसीमा में आदेशों का पालन न करने पर संस्थानों के खिलाफ फंडिंग रोकने (Withdrawal of UGC Grants), मान्यता रद्द करने जैसे कड़े कदम उठाए जा सकते हैं। यूजीसी ने कहा कि देशभर की संस्थाओं में रैगिंग से जुड़ी घटनाओं में वृद्धि हो रही है। कहा कि रैगिंग से जुड़ी बढ़ती घटनाओं और कैंपस में तनाव को देखते हुए एंटी-रैगिंग नियमों का सख्त पालन जरूरी है। संस्थान तत्काल प्रभाव से सख्त कदम उठाए ताकि कहीं से भी कोई शिकायत न मिले। छात्रों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित किया जाना अत्यावश्यक है।