सार

Pradyumna Bhagat NASA Job to Monk: बचपन से ही प्रतिभाशाली रहे प्रद्युम्न भगत ने नासा की नौकरी छोड़कर मात्र 26 साल की उम्र में संन्यास अपना लिया। अब वे स्वामी केशवसंकल्पदास के रूप में BAPS में आध्यात्मिक जीवन जी रहे हैं। जानिए उनके बारे में।

Pradyumna Bhagat NASA Job to Monk: सफलता की आम परिभाषा में ऊंची पढ़ाई, अच्छी नौकरी और शानदार कमाई शामिल होती है, लेकिन प्रद्युम्न भगत ने इससे अलग एक अनोखा रास्ता चुना। बचपन से ही असाधारण प्रतिभा के धनी प्रद्युम्न ने मात्र 15 साल की उम्र में दो पेटेंट हासिल किए, प्रतिष्ठित कंपनियों से नौकरी के ऑफर पाए और नासा (NASA) जैसे संस्थान में काम करने का सुनहरा अवसर मिला। लेकिन इस चकाचौंध भरी दुनिया को मात्र 26 साल की उम्र में छोड़कर उन्होंने आध्यात्म की राह पकड़ ली। अब वे BAPS (Bochasanwasi Akshar Purushottam Swaminarayan Sanstha) में संन्यासी बन चुके हैं और उनका नया नाम स्वामी केशव संकल्प दास है। जानिए केशव संकल्प दास बने प्रद्युम्न भगत के बारे में।

बचपन से ही टैलेंटेड प्रद्युम्न भगत का एजुकेशन और करियर

ऑकलैंड, न्यूजीलैंड में जन्मे प्रद्युम्न भगत ने अटलांटा में इलेक्ट्रिकल और रोबोटिक्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। कम उम्र में ही गोल्ड स्कॉलर और TEDx स्पीकर बने। उन्हें बोइंग (Boeing) और NASA JPL जैसी कंपनियों से आकर्षक जॉब ऑफर मिले।

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प्रद्युम्न भगत का संन्यास का निर्णय और नई राह

इतनी बड़ी सफलताओं के बावजूद प्रद्युम्न भगत का मन आध्यात्म की ओर झुकता गया। मात्र 26 साल की उम्र में उन्होंने भौतिक उपलब्धियों की जगह उन्होंने आध्यात्मिक शांति को चुना और BAPS में संन्यासी जीवन को अपनाने का निर्णय लिया। अब वे दुनिया की चकाचौंध से दूर, भक्ति और सेवा में लीन हो गए हैं।

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प्रद्युम्न भगत की सफलता का नया मतलब: आत्मिक शांति और सेवा

प्रद्युम्न भगत का यह निर्णय यह साबित करता है कि असली सफलता सिर्फ पैसा और शोहरत नहीं, बल्कि आत्मिक संतोष और सेवा में है। जहां लोग ऊंचे करियर और भौतिक सुखों के पीछे भागते हैं, वहीं उन्होंने सबकुछ त्यागकर आध्यात्म और मानव सेवा को अपना लिया। अब स्वामी केशवसंकल्पदास के रूप में वे लाखों लोगों को सद्भावना, निःस्वार्थ सेवा और आध्यात्मिक जीवन की प्रेरणा दे रहे हैं।

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