Parag Jain RAW Salary: पराग जैन RAW के नए चीफ बनने जा रहे हैं। वह 1 जुलाई 2025 से अपना कार्यभार संभालेंगे। इस बीच जानिए पराग जैन को रॉ चीफ के रूप में सैलरी कितनी मिलेगी। पराग जैन का एजुकेशन, करियर, एक्सपीरिएंस और इंटरेस्टिंग लाइफ फैक्ट्स।
Parag Jain RAW Chief Salary 2025: भारत की सबसे सीक्रेट और शक्तिशाली खुफिया एजेंसी RAW (Research and Analysis Wing) का नाम सुनते ही देश की सुरक्षा से जुड़ी गंभीर तस्वीरें सामने आती हैं। इसी एजेंसी की कमान अब 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी पराग जैन को सौंपी गई है। वे 1 जुलाई 2025 से RAW प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालेंगे। वह मौजूदा चीफ रवि सिन्हा की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 30 जून 2025 को खत्म हो रहा है। पराग जैन का कार्यकाल दो वर्षों का होगा। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि RAW जैसे टॉप इंटेलिजेंस पद पर बैठे अधिकारी को हर महीने कितनी सैलरी मिलती है? जानिए RAW चीफ को केंद्र सरकार से कितना वेतन, कितने भत्ते और क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं। साथ ही जानिए कि यह पोस्ट किस पे लेवल के अंतर्गत आता है।
RAW चीफ पराग जैन को कितनी मिलेगी सैलरी?
RAW जैसी अत्यंत गोपनीय एजेंसी का प्रमुख होना आसान नहीं है, लेकिन इस पद पर काम करने वालों को केंद्र सरकार कैबिनेट सेक्रेटरी ग्रेड में वेतन देती है। यानी पराग जैन को Pay Level-18 (Apex Scale) के तहत हर महीने ₹2.5 लाख की बेसिक सैलरी मिलेगी। इसके अलावा उन्हें महंगाई भत्ता (DA), आवास भत्ता (HRA), मेडिकल, ट्रैवल और अन्य सरकारी सुविधाएं भी मिलेंगी। कुल मिलाकर उनकी सैलरी ₹3.5 लाख से ₹4 लाख प्रति माह तक हो सकती है।
RAW चीफ की कुल अनुमानित सैलरी
Salary Component | राशि (लगभग) |
Basic Salary | ₹2,50,000 |
Dearness Allowance (DA) | ₹1,15,000 |
HRA / अन्य भत्ते | ₹40,000 से ₹60,000 |
कुल अनुमानित सैलरी | ₹4 लाख तक प्रति माह |
RAW प्रमुख की भूमिका इतनी बड़ी क्यों है?
RAW देश की बाहरी सुरक्षा से जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण खुफिया एजेंसी है। इसका काम न सिर्फ दुश्मन देशों की हरकतों पर नजर रखना है, बल्कि आतंकवाद, साइबर अटैक और विदेशी साजिशों को समय रहते पकड़कर सरकार को अलर्ट करना भी होता है। ऐसे में RAW चीफ की जिम्मेदारी बेहद संवेदनशील और रणनीतिक होती है।
कौन हैं पराग जैन? जानिए एजुकेशन-करियर और लाइफ फैक्ट्स
पराग जैन UPSC पास कर 1989 में IPS बने और उन्हें पंजाब कैडर मिला। हालांकि उनके एजुकेशन के बारे में ऑफिशियल जानकारी फिलहाल उपलब्ध नहीं है लेकिन उन्होंने सिविल सर्विसेज में अपने करियर की शुरुआत उस दौर में की जब पंजाब में आतंकवाद अपने चरम पर था। वे बठिंडा, मानसा, होशियारपुर जैसे संवेदनशील जिलों में तैनात रहे और बाद में चंडीगढ़ SSP और लुधियाना DIG भी बने। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के दौरान और बालाकोट एयरस्ट्राइक ऑपरेशन के वक्त भी उन्होंने RAW में अहम भूमिका निभाई थी। RAW के तहत उनका कार्यकाल कनाडा और श्रीलंका में भी रहा, जहां उन्होंने भारत के हितों की सुरक्षा की। कनाडा में उन्होंने खालिस्तानी नेटवर्क के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया और लगातार दिल्ली को चेतावनी दी थी कि यह खतरा आने वाले वक्त में गंभीर रूप ले सकता है। पराग जैन फिलहाल एविएशन रिसर्च सेंटर (ARC) के प्रमुख हैं। इसी एजेंसी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तान के आतंकी कैंपों और वहां की सेना से जुड़ी अहम खुफिया जानकारी जुटाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। खुफिया एजेंसियों के बीच पराग जैन को 'सुपर जासूस' के नाम से जाना जाता है। उनकी सबसे खास बात ये मानी जाती है कि वो इंसानी स्रोतों से मिलने वाली जानकारी (HUMINT) को टेक्नोलॉजी के जरिए मिलने वाली खुफिया जानकारी (TECHINT) के साथ बेहद प्रभावी तरीके से मिलाकर काम करते हैं।