सार
MP PCS 2022 Toppers Success Story: मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग ने स्टेट सर्विस एग्जाम 2022 का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया है। इस परीक्षा में देवास की दीपिका पाटीदार ने टॉप किया है। कुल 456 पदों के लिए हुए इस एग्जाम में 394 कैंडिडेट्स का चयन हुआ है। खास बात यह है कि टॉप 10 में 6 लड़कियों ने जगह बनाई है। इस बार MPPSC 2022 रिजल्ट में कुछ कैंडिडेट्स की प्रेरणादायक कहानियां सामने आई हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और संघर्ष से इस कठिन परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। खास बात यह है कि इनमें से कई कैंडिडेट्स ऐसे हैं जिनका फैमिली बैकग्राउंड बहुत साधारण हैं। कोई फेरी वाले का बेटा है तो कोई किसान का। जानिए MPPSC 2022 में सफल ऐसे ही कुछ खास कैंडिडेट्स की सफलता की अनोखी कहानियां।
MPPSC 2022 टॉप 10 कैंडिडेट्स
- रैंक 1- दीपिका पाटीदार (डिप्टी कलेक्टर)
- रैंक 2- आदित्य नारायण तिवारी (डिप्टी कलेक्टर)
- रैंक 3- सुरभि जैन (डीएसपी)
- रैंक 4- महिमा चौधरी
- रैंक 5- धर्म प्रकाश मिश्रा
- रैंक 6- शानू चौधरी
- रैंक 7- स्वाति सिंह
- रैंक 8- उमेश अवस्थी
- रैंक 9- कविता देवी यादव
- रैंक 10- प्रत्यूष श्रीवास्तव
दीपिका पाटीदार: रैंक 1 और डिप्टी कलेक्टर पद पर चयन
दीपिका पाटीदार ने MPPSC 2022 में टॉप किया है। दीपिका को 1575 में से 902.75 अंक मिले, जिसमें मेन्स एग्जाम में 1400 में से 756.75 और इंटरव्यू में 175 में से 146 अंक शामिल हैं। यह उनका पांचवां प्रयास था, और उन्होंने डिप्टी कलेक्टर पद के लिए सफलता हासिल की है। दीपिका देवास जिले के जामगोद की रहने वाली हैं। उनके पिता गोपाल पाटीदार ग्राम पंचायत सचिव हैं और दीपिका की कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प ने उन्हें इस उपलब्धि तक पहुंचाया। दीपिका के पिता के अनुसार- मुझे अपनी बेटी की काबिलियत पर पूरा विश्वास था। मैं उसे बेटा मानता हूं। उसकी मेहनत और जुनून को देखकर मुझे हमेशा यही लगता था कि वह एक दिन बड़ा नाम करेगी।
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आदित्य नारायण तिवारी: रैंक 2, किसान के बेटे ने किया कमाल
नर्मदा पुरम के आदित्य नारायण तिवारी ने MPPSC 2022 में दूसरी रैंक प्राप्त की। आदित्य के पिता सत्यनारायण तिवारी एक किसान हैं। आदित्य का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद के लिए हुआ है। आदित्य की सफलता इस बात का प्रतीक है कि कठिन परिश्रम और दृढ़ता से किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है।
सागर जैन: 3 साल की कठिन मेहनत से मिली सफलता, डिप्टी कलेक्टर बने
सागर जैन, जो मंडला जिले के पिंडरई के रहने वाले हैं का डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयन हुआ है। सागर ने तीन साल तक जबलपुर में रहकर कड़ी मेहनत की और इस सफलता को हासिल किया। उनके पिता का निधन हो चुका है और उनकी मां गृहणी हैं। सागर की सफलता यह सिद्ध करती है कि जीवन में कठिनाइयां कितनी भी हों, अगर व्यक्ति में दृढ़ संकल्प हो तो वह किसी भी मुकाम तक पहुंच सकता है।
नैनसी जैन: डीएसपी बनीं नैनसी जैन की सफलता की कहानी
टीकमगढ़ की नैनसी जैन का चयन MPPSC 2022 में डीएसपी पद के लिए हुआ है। नैनसी के पिता बालचंद्र जैन और मां शशि जैन के मार्गदर्शन से नैनसी ने यह सफलता हासिल की। नैनसी की सफलता यह साबित करती है कि कठिन परिश्रम और समर्पण से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
रमशा अंसारी: डीएसपी पद पर चयन, 12 घंटे की पढ़ाई ने किया कमाल
भोपाल की रमशा अंसारी ने MPPSC 2022 में 878 अंक प्राप्त किए और डीएसपी पद के लिए चयनित हुईं। रमशा ने इस परीक्षा में सफलता के लिए रोजाना 12 घंटे पढ़ाई की। यह उनकी तीसरी कोशिश थी और इस बार उन्होंने सफलता प्राप्त की। रमशा के पिता मोहम्मद अंसारी कृषि विभाग में यूडीसी के पद पर कार्यरत हैं और उनकी मां संजीदा अंसारी एक हाउसवाइफ हैं। रमशा की सफलता यह सिद्ध करती है कि कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
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आशीष सिंह चौहान: फेरी वाले का बेटा बना असिस्टेंट डायरेक्टर
भोपाल के आशीष सिंह चौहान की सफलता की कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। आशीष के पिता सब्जी का ठेला लगाते हैं और फेरी का काम भी करते हैं। इसके बावजूद, आशीष ने असिस्टेंट डायरेक्टर के पद पर सफलता प्राप्त की। उन्होंने बैरागढ़ के शासकीय स्कूल से पढ़ाई की और हमीदिया कॉलेज से बीए और एमए किया। उनका संघर्ष और सफलता यह दिखाती है कि किसी भी परिस्थिति में उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए।
MPPSC 2022 के ये सफल कैंडिडेट अपनी मेहनत और संघर्ष से सभी के लिए प्रेरणा बन चुके हैं। यह साबित करते हैं कि अगर इरादा मजबूत हो, तो कोई भी मुश्किल रास्ता बाधा नहीं बन सकती।
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