IIT-JEE Topper Janak Agrawal Success Story: JEE Advanced में AIR 2 हासिल करने वाले जनक अग्रवाल ने Tesla जैसी बड़ी कंपनी की नौकरी छोड़कर अपना स्टार्टअप शुरू किया। जानिए उनके सफर की पूरी कहानी।

JEE Advanced Topper Janak Agrawal Success Story: भारत में अगर कोई परीक्षा सबसे मुश्किल मानी जाती है तो वो है Joint Entrance Examination (JEE) Main और Advanced. हर साल लाखों छात्र इस परीक्षा को पास करने का सपना देखते हैं ताकि उन्हें IIT, NIT या किसी बड़े इंजीनियरिंग संस्थान में दाखिला मिल सके। लेकिन इनमें से कुछ ही छात्र ऐसे होते हैं जो इतिहास रच देते हैं, ऐसे ही एक नाम है जनक अग्रवाल, जिन्होंने JEE Advanced 2015 में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 2 हासिल की थी।

IIT टॉपर जनक अग्रवाल ने Tesla जैसी कंपनी का जॉब ऑफर ठुकराया

इंदौर, मध्यप्रदेश के रहने वाले जनक अग्रवाल आज अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में एक कंपनी के को-फाउंडर हैं। लेकिन उनका ये सफर आसान नहीं था। उन्होंने न सिर्फ JEE Advanced में टॉप किया, बल्कि IIT बॉम्बे से MIT तक का सफर तय किया और फिर उस मौके को ठुकरा दिया, जिसे हर कोई पाना चाहता है, Tesla जैसी कंपनी में काम करने का मौका।

कौन हैं जनक अग्रवाल JEE Advanced Topper?

जनक इंदौर के ILVA हायर सेकेंडरी स्कूल से पढ़े हैं, जहां उन्होंने 12वीं बोर्ड में 91% अंक हासिल किए। जेईई मेन क्लियर करने के बाद JEE Advanced 2015 में उन्होंने 504 में से 453 अंक लेकर AIR-2 हासिल किया, जो एक बड़ा कीर्तिमान था। इसके अलावा वो KVPY स्कॉलरशिप और INPhO गोल्ड मेडल भी जीत चुके हैं। उन्होंने नेशनल स्टैंडर्ड एग्जामिनेशन इन फिजिक्स (NSEP) में भी शानदार प्रदर्शन किया था।

जनक अग्रवाल का IIT बॉम्बे से MIT तक का सफर

जनक ने IIT बॉम्बे में कंप्यूटर साइंस में एडमिशन लिया, लेकिन एक साल बाद उन्होंने MIT में ट्रांसफर ले लिया। MIT में उन्होंने Electrical Engineering और Computer Science में BS और फिर MEng की डिग्री ली। MIT में रहते हुए उन्होंने कई प्रोजेक्ट्स और रिसर्च वर्क किए, जिससे उनकी टेक्नोलॉजी में गहरी पकड़ बनी।

जनक अग्रवाल ने Tesla जॉब को ठुकरा कर बनाई खुद की कंपनी

जब जनक महज 22 साल के थे, तब उन्हें Tesla के Autopilot Team से ऑफर मिला था, जहां जाने का सपना लाखों युवाओं का होता है। Tesla के साथ उन्हें Andrej Karpathy जैसे दिग्गज के साथ काम करने का मौका मिल रहा था, लेकिन जनक ने ये ऑफर ठुकरा दिया। उन्होंने एक छोटी कंपनी AutoGrid जॉइन की, जहां उन्हें ज्यादा लर्निंग और ग्रोथ का मौका दिखा। आज वो अमेरिका की टेक कंपनी Outspeed के को-फाउंडर हैं, जो क्लाइमेट चेंज और AI जैसे विषयों पर काम करती है।

LinkedIn पोस्ट में जनक अग्रवाल ने शेयर की अपनी सोच

जनक ने अपने एक LinkedIn पोस्ट में लिखा था- “22 की उम्र में मैंने ऐसा कदम उठाया जिसे लोग पागलपन कह सकते हैं। मैंने Tesla का ऑफर ठुकरा दिया। मुझे मशीन का एक छोटा पुर्जा बनना मंजूर नहीं था। मैं कुछ बड़ा और अपना करना चाहता था।”

जनक का सफर इस बात का सबूत है कि सिर्फ अच्छे नंबर ही नहीं, साहसिक फैसले भी आपको महान बनाते हैं। उन्होंने दिखा दिया कि IIT-MIT से आगे भी एक दुनिया है, जहां अपने जुनून और सोच से आप कुछ अलग कर सकते हैं। आज की युवा पीढ़ी के लिए जनक एक रोल मॉडल हैं, जिसने रिस्क उठाया, लीक से हटकर चला और सफलता पाई।