JAC 10th Topper 2025 Gitanjali Preparation Strategy: गढ़वा की गीतांजलि ने झारखंड बोर्ड 10वीं में टॉप किया है! 98.60% अंकों के साथ उन्होंने ये मुकाम हासिल किया। जानिए उनकी सफलता की कहानी और मार्कशीट।
JAC 10th Topper 2025 Gitanjali Success Story: झारखंड बोर्ड 10वीं रिजल्ट 2025 (JAC 10th Result 2025) में इस बार गढ़वा जिले की रहने वाली गीतांजलि ने 500 में से 493 नंबर लाकर पूरे राज्य में टॉप किया है। 98.60% मार्क्स के साथ टॉप करने वाली गीतांजलि अब पूरे झारखंड में चर्चा का विषय बन चुकी हैं। उनकी मेहनत, अनुशासन और लगन की यह कहानी हर छात्र-छात्रा के लिए एक प्रेरणा है। जानिए Jharkhand 10th Result 2025 Topper गीतांजलि के बारे में, उनकी सफलता का राज और बोर्ड मार्कशीट।
कौन हैं गीतांजलि? जानें उनके परिवार और पढ़ाई से जुड़ी खास बातें
गीतांजलि झारखंड के गढ़वा जिले के भवनाथपुर की रहने वाली हैं। उनके पिता उमेश पाल एक सरकारी शिक्षक हैं और मां पम्मी देवी गृहिणी हैं। तीन भाई-बहनों में गीतांजलि सबसे बड़ी हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई इंदिरा गांधी बालिका विद्यालय, हजारीबाग से की है। खास बात यह है कि वो हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही थीं।
JAC Result 2025 10वीं टॉपर गीतांजलि की बोर्ड एग्जाम प्रिपरेशन स्ट्रेटजी
बोर्ड परीक्षा की तैयारी के दौरान गीतांजलि मोबाइल फोन से पूरी तरह दूर रहीं। उन्होंने अपने शिक्षकों के गाइडेंस को पूरी तरह फॉलो किया और सोशल मीडिया या अन्य distractions से खुद को पूरी तरह अलग रखा। यही वजह रही कि उन्होंने इतनी शानदार सफलता हासिल की।
Geetanjali JAC 10th Result 2025 Topper Marksheet: देखें गीतांजलि की पूरी मार्कशीट
विषय अंक | (100 में से) |
म्यूजिक | 100 |
इंग्लिश | 99 |
गणित (Maths) | 98 |
साइंस | 100 |
सोशल साइंस | 96 |
कुल अंक | 493/500 |
प्रतिशत (%) | 98.60% |
झारखंड बोर्ड 10वीं टॉपर की मार्कशीट में देख सकते हैं कि गीतांजलि को सोशल साइंस में सबसे कम 96 नंबर मिले हैं जबकि इंग्लिश में 99, मैथ्स में 98 नंबर मिले। साइंस और म्यूजिक में उन्हें पूरे 100 नंबर मिले हैं। उन्होंने पूरे 500 में से सिर्फ 7 अंक खोए, जो अपने-आप में एक बड़ी उपलब्धि है।
क्या है झारखंड बोर्ड 10वीं टॉपर गीतांजलि की सफलता का राज?
झारखंड बोर्ड 10वीं स्टेट टॉपर गीतांजलि की सफलता के पीछे कुछ खास बातें रहीं जिन्हें हर छात्र को अपनाना चाहिए-
- मोबाइल से दूरी: उन्होंने पढ़ाई के दौरान मोबाइल से पूरी तरह दूरी बना ली थी।
- हॉस्टल का अनुशासन: स्कूल हॉस्टल का अनुशासन और नियमित दिनचर्या उनके लिए फायदेमंद रही।
- शिक्षकों का मार्गदर्शन: अपने सभी विषयों में उन्होंने शिक्षकों के बताए हुए तरीके पर फोकस किया।
- माता-पिता का सहयोग: घर से दूर रहते हुए भी उन्हें माता-पिता का पूरा सपोर्ट मिला।
- लगन और मेहनत: उनका फोकस हमेशा पढ़ाई पर रहा और उन्होंने जमकर मेहनत की।