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International Women's Day: कब मनाया गया पहला महिला दिवस, 8 मार्च को क्यों सेलिब्रेट करते हैं यह दिन
International Women's Day 2025: महिला दिवस सिर्फ उत्सव नहीं, बल्कि महिलाओं के संघर्ष और उपलब्धियों का प्रतीक है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिला दिवस 8 मार्च को ही क्यों मनाते हैं। पहली बार यह दिन कब सेलिब्रेट किया गया?
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पहला अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कब मनाया गया था?
साल 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया था।
महिला दिवस मनाने की शुरुआत कैसे हुई?
इसकी नींव 1908 में न्यूयॉर्क में रखी गई, जब 15,000 महिलाओं ने बेहतर वेतन, कम कार्य घंटे और वोटिंग अधिकारों के लिए प्रदर्शन किया।
अमेरिका में पहला महिला दिवस
इसके जवाब में सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने 28 फरवरी 1909 को पहला राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित किया।
महिला दिवस को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कब मिली मान्यता
1910 में जर्मनी की समाजवादी नेता क्लारा जेटकिन (Clara Zetkin) ने कोपेनहेगन में महिला सम्मेलन में प्रस्ताव रखा कि एक अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस होना चाहिए।
महिला दिवस का पहली बार बड़े स्तर पर आयोजन
1911 में यूरोप के चार देशों में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया, जिसमें 10 लाख से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया।
रूस में महिलाओं का प्रदर्शन
1917 में रूस में महिलाओं ने 23 फरवरी को खाद्य संकट और प्रथम विश्व युद्ध के खिलाफ प्रदर्शन किया।
रूसी क्रांति से जुड़ा संबंध
यह आंदोलन इतना प्रभावी था कि जार निकोलस द्वितीय को सत्ता छोड़नी पड़ी और रूस में महिलाओं को वोटिंग का अधिकार मिला।
8 मार्च को क्यों मनाते हैं महिला दिवस
1917 में रूस में महिलाओं के आंदोलन के समय वहां 23 फरवरी का दिन था, लेकिन ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह 8 मार्च था। इसलिए महिला दिवस 8 मार्च को मनाना तय किया गया।
महिला दिवस को संयुक्त राष्ट्र की मान्यता
1975 में संयुक्त राष्ट्र (UN) ने इसे आधिकारिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित किया और वैश्विक स्तर पर इसे मनाने की शुरुआत की।
आज महिला दिवस का महत्व
वर्तमान में यह दिन महिला सशक्तिकरण, अधिकारों और लैंगिक समानता की याद दिलाता है और दुनिया भर में इसे बड़े उत्साह से मनाया जाता है।